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खनन तत्परता सूची की सी कैटगरी में उत्तराखंड को पहला स्थान

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देहरादून – उत्तराखण्ड की खनन विभाग की टीम ने अपने प्रयासों और बेहत्तर विभागीय कार्यप्रणाली से 1000 करोड़ रुपये भारत सरकार के खनन मंत्रालय से जुटा कर राज्य सरकार के खजाने में बृद्धि की है। गुरुवार को जारी राज्य खनन तत्परता सूचकांक (State Mining Readiness Index – SMRI) में उत्तराखंड ने ‘सी’ कैटेगरी में पहला स्थान हासिल किया है। राज्य सरकार के खनन क्षेत्र में बेहत्तर प्रबंधन, दक्षता,और ऑनलाइन सिस्टम से ये मुक़ाम राज्य के खनन महखमे को हासिल हुआ है। उत्तराखण्ड के खनन निदेशक राजपाल लेघा सँयुक्त निदेशक जी डी प्रसाद और दिनेश कुमार की तिकड़ी ने भारत सरकार के खनन मंत्रालय में दिए गए राज्य के प्रस्तुतिकरण में भारत सरकार ने माना कि राज्य खनन के मामले में उच्च स्तरीय तकनीक अपनाने के साथ पर्यावरण का भी ख्याल रख रहा है। इसी वजह से खनन मंत्रालय राज्य सरकार को 100 करोड़ का अतिरिक्त इंसेंटिव देगा। केंद्रीय बजट 2025–26 में की गई घोषणा के अनुरूप तैयार किया गया यह सूचकांक देश के विभिन्न राज्यों का मूल्यांकन खनन सुधारों, नीतिगत पारदर्शिता, पर्यावरणीय संतुलन, खनिज अन्वेषण क्षमता और प्रशासनिक दक्षता जैसे अनेक मापदंडों के आधार पर निर्णय करता है। इस सूचकांक में मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान को ‘ए’ कैटेगरी में, गोवा, उत्तर प्रदेश और असम को ‘बी’ कैटेगरी में तथा उत्तराखंड को पंजाब और त्रिपुरा के साथ ‘सी’ कैटेगरी में अग्रणी स्थान प्रदान किया गया है। खनन मंत्रालय के अनुसार, यह सूचकांक राज्यों में खनन क्षेत्र में बेंच मार्किंग और सकारात्मक प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करने का कार्य करेगा, जिससे देशभर में खनन सुधारों की गति और पर्यावरण-अनुकूल नीतियों के क्रियान्वयन को और बल मिलेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस सफलता के लिए खनन विभाग के अधिकारियों की टीम को बधाई दी है और उम्मीद की है कि खनन विभाग और अधिक कार्यकुशलता से कार्य कर राज्य को अग्रणीय राज्य में शुमार करवाएंगे।

खनन निदेशक राजपाल लेघा

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