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वन विभाग के तुगलगी फरमानों पर राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी लाल

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देहरादून॥
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने वन विभाग द्वारा आए दिन निकाले जाने वाले आदेशों को तुगलगी फरमान बताते हुए आक्रोश जाहिर किया है।
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि एक ओर वन विभाग जंगल की आग रोकने में पूरी तरह से असफल रहा है, वहीं अब जंगली जानवरों के शिकार होने वाले लोगों और जंगल के पास रहने वाले लोगों का उत्पीड़न करने वा

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ले आदेश निकालने लगा हैं।
सेमवाल ने कहा कि यदि तत्काल इस तरह के आदेश वापस नहीं लिए गए और इन आदेशों की आड़ में आम आदमी का उत्पीड़न हुआ तो राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी चुप नहीं बैठेगी।
गौर तलब है कि पिछले दिनों वन विभाग ने एक फरमान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि यदि जंगली जानवरों का शिकार कोई व्यक्ति अटल आयुष्मान योजना के अंतर्गत इलाज कराता है तो उसे वन विभाग मुआवजा नहीं देगा।
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने इस आदेश का विरोध करते हुए सवाल किया कि यदि वन विभाग इस तरह से मुआवजा नहीं देगा तो फिर जितने दिन किसी परिवार का एकमात्र कमाऊ सदस्य अस्पताल में इलाज के दौरान भर्ती रहेगा उस दौरान उसके परिवार का भरण पोषण कैसे होगा ! और यदि वह जंगली जानवरों के हमले के कारण आजीविका जुटाने में असफल रहता है तो फिर उसके परिवार की जिम्मेदारी कौन लेगा !
यही नहीं वन विभाग के एक और आदेश के खिलाफ भी राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने आक्रोश जाहिर किया है। इस आदेश में कहा गया है कि रिज़र्व फॉरेस्ट से लगे हुए ग्रामीण यदि आग बुझाने में सहायता नहीं करेंगे तो उन्हें एक साल की सजा और बीस हजार के जुर्माने के साथ जेल भेजा जा सकता है।
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने कहा कि एक ओर वन विभाग अपने भारी भरकम अमले के साथ , पूरे साजो समान के होते हुए भी आग बुझाने में असफल है और अब अपनी असफलता का ठीकरा जनता के सर फोड़ना चाहता है। राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने कहा कि इस तरह के आदेशों की आड़ में जनता का उत्पीड़न कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सेमवाल ने कहा कि जल्दी ही इस संबंध में मुख्यमंत्री से मिलकर विरोध दर्ज कराया जाएगा। बड़ा सवाल यह है कि वन विभाग ग्रामीणों का उत्पीड़न कर अपनी जिम्मेदारियां से बचने का प्रयास कर रहा है।

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