बारिश का कहर, माणा में 40 से अधिक मजदूर हिमस्खलन में फंसे

बदरीनाथ।
अचानक हुये मौसम बदलाव और ऊँचे इलाको में हो रही भारी बारिश और वर्फबारी से चमोली जिले के माणा इलाके में ग्लेशियर के टूट जाने से बदरीनाथ धाम के आगे माणा में 57 मजदूर बर्फ में दब गए। 15 को निकाल लिया। गया है। इन मजदूरों को माणा गांव के अस्पताल में और आईटीबीपी के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
दुर्घटना की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की टीम मौके के लिए रवाना कर दी गयी है। नजदीकी पोस्ट जोशीमठ उपनिरीक्षक देवीदत्त बर्थवाल के नेतृत्व में एसडीआरएफ टीम घटनास्थल के लिए रवाना कर दी गई हैं। साथ ही गौचर एवम सहस्रधारा, देहरादून पोस्ट पर हाई एल्टीट्यूड रेस्क्यू टीम को अलर्ट मोड़ में रखा गया है। जिनको मौसम साफ़ होते ही घटनास्थल के लिए रवाना कर दिया जायेगा।
सचिव आपदा प्रबंधन विनोद सुमन ने बताया कि बर्फ गिरने के बाद 57 मजदूर दब गए. हालांकि 15 को बचा लिया गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक सीमांत गांब माणा से आगे सड़क निर्माण का कार्य चल रहा था। इसी बीच, ग्लेशियर टूट गया। कई मजदूर अभी ग्लेशियर में दबे हैं।
श्री बद्रीनाथ धाम के पास माणा में हुई हिमस्खलन की घटना के बारे में पुलिस महानिरीक्षक, एसडीआरएफ रिधिम अग्रवाल ने बताया कि माणा गाँव, ज़िला चमोली के पास हिमस्खलन की घटना में बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइज़ेशन (बीआरओ) के कुल 57 श्रमिक प्रभावित हुए।
कमांडेंट बीआरओ के अनुसार, अब तक 15 श्रमिक सुरक्षित हैं, जबकि 42 लापता थे। एसडीआरएफ की एक टीम जोशीमठ से रवाना हो चुकी है। लामबगड़ में सड़क अवरुद्ध होने के कारण सेना से संपर्क कर मार्ग खोलने की प्रक्रिया चल रही है। दूसरी टीम को सहस्रधारा हेलीपैड पर अलर्ट पर रखा गया है। मुख्यमंत्री ने आपदा केंद्र में पत्रकारों को इस हादसे और बचाव कार्यों के बारे में जानकारी दी। मौसम की स्थिति में सुधार होते ही एसडीआरएफ की हाई-एल्टीट्यूड रेस्क्यू टीम को हेलीकॉप्टर से निकटतम उपलब्ध स्थान पर उतारा जाएगा।
एसडीआरएफ एवं जिला प्रशासन द्वारा बीआरओ एवं सेना के साथ समन्वय किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ ड्रोन की टीम को भी तैयारी हालात में रखा गया है। भारी बर्फबारी के कारण फिलहाल ड्रोन ऑपरेशन संभव नहीं हो पाया है।
अब तक 5 और व्यक्तियों को निकाला गया है, जिनमें से 3 घायल हैं और उन्हें सेना अस्पताल, माणा में भर्ती कराया गया है, जबकि 2 सामान्य स्थिति में हैं।
अभी तक 42 श्रमिक लापता बताये जा रहे है।
प्रभावितों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकालने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।”
दुर्घटना का पता चलते ही प्रशासन और बीआरओ की टीम ने बचाव कार्य शुरू कर दिया था।