महिला समूहों के उत्पाद को मार्केट मुहैय्या कर पलायन रोकने के प्रयास
अजय रावत अजेय
हालांकि ‘रीप’ अर्थात ग्रामोत्थान योजना के तहत सरकारी सहयोग और अनुदान के सहारे महिला समूहों को बड़े पैमाने पर विभिन्न उत्पाद गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है किंतु सबसे बड़ी चुनौती इन उत्पादों को वाज़िब दाम के साथ बाजार उपलब्ध कराने की होती है। इसे देखते हुए जनपद गढ़वाल के मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत ने महिला समूहों को विभिन्न आउटलेट ब्रैंड्स से जोड़ने की पहल की है। जिससे महिला समूहों के उत्पाद बेहतर दाम पर बाज़ार तक पंहुच रहे हैं और सस्टेनेबल रोजगार के जरिये पलायन पर भी रोक लग रही है।
●नेटवर्क स्थापित कर 22 हजार परिवारों को मिल रहा लाभ●
नेशनल रूरल लाइवलीहुड मिशन के तहत जिले में गठित 60 क्लस्टर लेबल फेडरेशन के अधीन 3 हजार 9 सौ 82 सेल्फ हेल्प ग्रुप काम कर रहे हैं। इन समूहों से करीब 22 हजार परिवारों की आजीविका भी जुड़ी है।
●अत्यंत गरीब परिवारों को रीप के तहत ब्याज मुक्त ऋण●
जिले के 800 अति गरीब परिवारों को कुटीर व्यवसाय करने हेतु 35 हजार का ब्याज मुक्त ऋण भी दिया जा रहा है। इसके तहत डेयरी, गोटरी, सिलाई सेंटर, पॉल्ट्री व जरनल स्टोर के जरिये यह परिवार अपना भरण पोषण कर रहे हैं।
●1.96 करोड़ का अनुदान व 3.12 करोड़ का बैंक लोन●
रीप प्रोजेक्ट के तहत व्यक्तिगत उद्यम गतिविधि के तहत जिले में 407 लाभार्थियों का चयन कर 1 करोड़ 96 लाख का अनुदान दिया गया जबकि 3 करोड़ 12 लाख का ऋण जारी कर कुटीर उद्यमों के साथ फ़ूड वैन, रेस्त्रो, होमस्टे, डीजे साउंड व फेब्रिकेशन जैसे उद्यमों से बेरोजगारों को जोड़ा गया।
●सामूहिक उद्यम के तहत 8 योजनाएं शुरू●
रीप प्रोजेक्ट के तहत जिले में 8 उद्यम स्थापित हो चुके हैं, जबकि 32 उद्यम की स्थापना प्रक्रिया गतिमान है। वहीं इस वर्ष 100 बड़े उद्यम स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत विखं पौड़ी में बेड़ू प्रोसेसिंग यूनिट, दुगड्डा में हिलांश हर्बल टी, थलीसैण में आलू बीज उत्पादन, नैनीडांडा में पिरूल-बायोमास, कोट में लिलियम , बीरोंखाल में मसाला व फल प्रसंस्करण व ख़िरसू में पहाड़ी गाय के गोबर से उत्पाद बनाने की यूनिट शुरू की जा चुकी है। रीप के तहत विभिन्न फेडरेशन द्वारा अब तक 5 करोड़ 67 लाख का बिजनस के 63 लाख 70 हजार का शुद्ध लाभ भी अर्जित किया गया है।
●6 किसान सेवा केंद्रों का भी संचालन●
जिले में 6 किसान सेवा केंद्रों का संचालन कर ग्राम स्तर पर एनिमल फीड, कैल्शियम, साइलेज व बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
●फ़ूड कोर्ट स्थापित करने का अभिनव प्रयोग●
ग्रामोत्थान के तहत यात्रा व पर्यटन मार्गों पर हिमालयन भोजनालय नाम से वे-साइट इटरीज़ का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें स्थानीय व्यंजनों के साथ समूहों के उत्पाद उपलब्ध होंगे। इन फ़ूड कोर्ट में वशरूम व बेबी केअर जैसी सुविधाएं भी होंगी। जनपद में इस प्रकार के 20 फ़ूड कोर्ट बनाने का टारगेट है जिसके तहत 6 फ़ूड कोर्ट स्थापना हेतु प्रस्ताव भी आ चुके हैं।
●करीब 5 हजार महिलाएं बनी लखपति दीदी●
एनआरएलएम की पहल पर ट्रेनिंग, स्किल डेवलपमेंट, फाइनेंसियल सहयोग, बैंक लिंकेज व मार्केटिंग के सहयोग से जिले में 4 हजार 9 सौ 94 महिलाएं प्रति वर्ष 1 से 3 लाख की आय प्राप्त कर रही हैं।
●नामी आउटलेट व रिटेल सेलर से टाई अप●

मार्किट न मिलने व उत्पादों का वाजिब दाम न मिलना सबसे बड़ी चुनौती है, इस चुनौती से निपटने के लिए बड़े व स्थापित ग्रुप्स से टाई अप किया गया है। जिसमें हाउस ऑफ हिमालया, बेंजोज कम्पनी कोटद्वार, उत्तरांचल फ्लावर एंड हर्ब्स हल्द्वानी, उत्कर्ष फ़ूड प्रोडक्ट उधम सिंह नगर, उत्तरा स्टेट एम्पोरियम देहरादून, एडीके मार्किट प्राइवेट लिमिटेड हरियाणा, गैई वेल बीइंग देहरादून, शुभ संकल्प प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली, फ्रंटियर स्वीट्स श्रीनगर व बीएसके लैंसडाउन से एमओयू साइन किया गया है।





