गोपेश्वर: अब डीएम चमोली ने रोका जिले में खड़िया का खनन

★बागेश्वर के बाद अब डीएम ने चमोली ने रोका खड़िया खनन★
★जनपद में खड़िया खनन से हो रहा था भारी नुकसान★
गोपेश्वर।
लगता है कि अब प्रदेश के भूतत्व और खनिकर्म विभाग की तक़दीर खड़िया से ही लिखी जायेगी। पहले बागेश्वर की खड़िया खदानों पर उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी थी अब जनपद चमोली की खड़िया खदानों पर जिलाधिकारी ने रोक लगा दी है। प्रदेश का भू तत्व और खनिकर्म विभाग इस समय खड़िया के खनन के चक्र जाल से नहीं निकल पा रहा है। जानकारी है कि पिथौरागढ़ की कुछ एक खड़िया माइनो पर भी रोक लगा कर जांच की जा रही है। गढवाल मंडल के चमोली जनपद में भी खड़िया के खनन का काम होता है,हालांकि यहाँ आधा दर्जन से भी कम खदान है जबकि इसके ठीक उलट कुमाऊँ मंडल में सौ से अधिक खदानों से पहाड़ का सीना खोदा जा रहा है। अब चमोली जिले के घूनी ग्राम में सोप स्टोन के खनन पर ग्रामीणों ने ऐतराज़ जता कर जिला मजिस्ट्रेट से शिकायत दर्ज करवाई है।
अब जिलाधिकारी ने 10 दिनों तक खड़िया के खनन पर लगाई रोक लगा दी है, हालांकि डीएम ने पहले से निकाली गई खड़िया उप खनिज और उसके परिवहन पर रोक नहीं लगाई है। साथ ही निरीक्षण में मिली खामियों को 10 दिनों के भीतर दूर करने के दिए निर्देश।
घूनी ग्राम में खनन कार्याे को लेकर मिली शिकायत पर जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने राजस्व, भूतत्व एवं खनिकर्म के अधिकारियों की संयुक्त टीम को सोप स्टोन खनन पटटा क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण करने के आदेश दिये है। शिकायतकर्ता ने शिक़ायत की थी कि तहसील घाट के ग्राम घूनी में खनन कार्याे में लापरवाही बरती जा रही है जिससे खनन क्षेत्र के नीचे प्राथमिक विद्यालय ल्वाठ घूनी को जाने वाले पैदल रास्ता क्षतिग्रस्त हो गया है। खनन मशीनों के शोर से स्कूल में पढ़ना पढाना मुश्किल हो रहा है साथ ही खनन के लिये कोई समय तय नहीं किया जा रहा है। सूर्याेदय से पहले और सूर्यास्त के बाद भी भारी भरकम मशीनों से खनन किया जा रहा है। खनन क्षेत्र मे अवैध तरीके से ट्राली लगाने और सड़क निर्माण से खनन क्षेत्र में बरसात में आवासीय भवनों खतरा बना हुआ है। खनन क्षेत्र के आसपास भूधसांव होने का खतरा बना हुआ है। अब जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों की टीम गठित कर खनन क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण करने के निर्देश जारी किए गए। संयुक्त टीम ने खनन क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया गया।जिला खान अधिकारी अंकित चंद ने बताया कि घूनी ग्राम में स्वीकृत दो सोपस्टोन खनन पट्टों में पूर्व में किए गए सीमाबंधन के दौरान लगाए गए सीमा स्तम्भ कहीं नहीं मिले।