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इंटरनेशनल एयरपोर्ट: सरकार पशोपेश में, भूस्वामी नहीं देंगे एक इंच भी जमीन

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देहरादून। उत्तराखंड सरकार द्वारा आज मुख्यमंत्री आवास पर अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक के बाद सरकार द्वारा
प्रदेश की हवाई कनेक्टिविटी को और अधिक सुदृढ़ करने हेतु जौलीग्रांट एयरपोर्ट और पंतनगर एयरपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने एवं पिथौरागढ़ के नैनीसैनी हवाई पट्टी से नियमित हवाई सेवा संचालित करने की दिशा में राज्य स्तर से की जाने वाली समस्त कार्रवाई सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया ।

 

 

 

सरकार के इस कदम से टिहरी बांध विस्थापित अठूरवाला भानियावाला के निवासियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है।
टिहरी बांध विस्थापित गजेंद्र रावत का कहना है कि इस संदर्भ में 4 दिसंबर 2022 को मुख्यमंत्री धामी से जब डोईवाला के विधायक बृजभूषण गैरोला के साथ प्रतिनिधिमंडल की बैठक हुई तो मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि देहरादून हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के लिए टिहरी बांध विस्थापितों की जमीन नहीं ली जाएगी और देहरादून हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है किंतु अब सरकार के ताजा बयान से क्षेत्रवासी आक्रोशित है उनका कहना है कि यदि सरकार किसी भी प्रकार से उनकी जमीन का अधिग्रहण करने की कोशिश करेगी तो उसका जमकर विरोध होगा सरकार को यदि इस हवाई अड्डे को अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाना है तो सरकार इसे सरकारी जमीन पर बनाए ।
उन्होंने कहा कि टिहरी बांध स्थापित लगातार तीसरी बार विस्थापन का दंश नहीं झेल सकते यदि सरकार ने जबरदस्ती अपनी नीति थोपी तो इसका सड़क से लेकर सरकार तक जमकर विरोध किया जाएगा और देहरादून हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने के लिए 1 इंच भी जमीन नहीं दी जाएगी
गौरतलब है कि 80 के दशक में टिहरी बांध के लिए अपनी बेस कीमती जमीन को राष्ट्र के नाम समर्पित करने वाले टिहरी बांध विस्थापितों को 2003 में हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के लिए एक बार फिर उजाड़ा गया और अब 20 साल बाद सरकार के नए फरमान से फिर से जख्मों कुरेदने का काम किया ।

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