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केंद्र ने एक साथ बुलाये उत्तराखंड में तैनात आठ आईपीएस अफसर

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देहरादून।

प्रदेश से आठ आईपीएस अधिकारियों को भारत सरकार केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर एक मुश्त बुलाये जाने के बाद उत्तराखण्ड राज्य में आईपीएस अधिकारियों का टोटा हो सकता है। भारत सरकार ने राज्य को फ़रमान भेजा है कि 8 आईपीएस अधिकारियों को मुक्त कर प्रतिनियुक्ति पर केंद्र में भेज दिया जाय। ये भी कहा गया है कि जो अधिकारी इससे इंकार करेगा उसे भवीष्य के लिए प्रतिनुक्ति के लिए पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया जायेगा। राज्य से कुछ अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर जाना चाहते हैं तो कुछ जाना ही नहीं चाहते है।

राज्य सरकार अगर मांग के अनुसार इन अधिकारियों को छोड़ती है तो राज्य सरकार को पुलिस विभाग में जल्द ही कुछ बड़े फेरबदल करने पड़ेंगे। पुलिस सूत्रों के अनुसार इनमें से चार अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर नहीं जाना चाहते थे और उन्होंने प्रतिनियुक्ति के लिए आवेदन भी नहीं किया था।
जानकारी के अनुसार आईजी नीरू गर्ग को ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डवलपमेंट (बीपीआरएंडडी), आईजी राजीव स्वरूप को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), आईजी मुख्तार मोहसिन को सीआरपीएफ, आईजी अरुण मोहन जोशी को बीएसएफ, डीआईजी जन्मेजय खंडूरी को नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी), डीआईजी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), डीआईजी बरिंदरजीत सिंह को आईटीबीपी और डीआईजी पी रेणुका देवी को सीबीआई में प्रतिनियुक्ति के लिए आदेश हुए हैं। शासन की ओर से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए चार अधिकारियों के नाम हटाने की गुजारिश भी की गई थी। बावजूद इसके केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इन सभी आठ अधिकारियों के प्रतिनियुक्ति आदेश जारी कर दिए हैं। गौरतलब है कि आईजी राजीव स्वरूप को कुछ ही दिन पहले ही आईजी गढ़वाल की जिम्मेदारी संभाली है। जबकि, आईजी अरुण मोहन जोशी भी चार माह पहले राज्य के यातायात निदेशक बनाए गए थे।

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