कांग्रेस के विकेट गिरने का सिलसिला जारी, पूर्व विधायक शैलेन्द्र की भी बीजेपी में वापसी
हिम् तुंग वाणी
एक तरफ बिहार में नीतीश बाबू ने एक बार पुनः अपनी प्रवृत्ति के मुताबिक पाला बदलते हुए एनडीए में वापसी का ऐलान कर दिया है, वहीं उत्तराखंड में भी कांग्रेस के विकेटों के गिरने का सिलसिला जारी है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के ऐन दून दौरे के दिन कोटद्वार के पूर्व विधायक शैलेंद्र सिंह रावत भी पुनः भगवाधारी होने जा रहे हैं। हालांकि चर्चा है कि कोटद्वार क्षेत्र के कुछ भाजपाई क्षत्रप शैलेन्द्र की घर वापसी को लेकर असहज भी नजर आ रहे हैं, ऐसे नेता अंतिम समय तक शैलेंद्र की घरवापसी के दरवाजों को बंद करने का प्रयास भी करते नजर आए।
2012 के विस् चुनाव में कोटद्वार विस् क्षेत्र से तत्कालीन मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी की हार का ठीकरा शैलेंद्र रावत के सर फोड़ते हुए उन्हें भाजपा से बाहर कर दिया गया था, उसके पश्चात वह कुछ समय के लिये बीजेपी में वापस आये किन्तु 2017 में फिर कोटद्वार से टिकट न मिलने के चलते उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया, कांग्रेस ने उन्हें यमकेश्वर सीट से टिकट भी दिया किन्तु वह बीजेपी की ऋतु खंडूरी के सामने टिक नहीं पाए। 2022 में भी कांग्रेस ने एक बार फिर उनपर भरोसा जताते हुए उन्हें यमकेश्वर के मैदान में उतारा किन्तु जिले में चल रही भाजपा की बयार के चलते उन्हें फिर मुंह की खानी पड़ी।
पूर्व विधायक शैलेंद्र सिंह रावत कोटद्वार क्षेत्र में सर्वमान्य व निर्विवाद छवि के नेता के रूप में जाने जाते हैं। कोटद्वार विस् के भाभर क्षेत्र में उनका अपना बड़ा जनाधार है वहीं इस इलाके में रहने वाली बोक्शा जनजाति के समुदाय पर भी शैलेंद्र की बड़ी पकड़ मानी जाती है। वहीं पड़ोसी विस् यमकेश्वर से दो बार चुनाव लड़ने के चलते यमकेश्वर क्षेत्र में भी उन्होंने एक बड़ा जनाधार गठित कर लिया है। दर्जनों की संख्या में यमकेश्वर क्षेत के पंचायत प्रतिनिधि शैलेंद्र सिंह रावत से जुड़े हुए हैं। ऐसे में शैलेंद्र की भाजपा में घरवापसी से जहां भाजपा को कोटद्वार व यमकेश्वर विस् क्षेत्र में अपना कुनबा बढ़ाने का सुअवसर मिल रहा है वहीं कांग्रेस के लिए यह एक बड़े झटके से कम नहीं है। बहरहाल वर्तमान में इन दो विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के पास एक अदद उम्रदराज सुरेंद्र सिंह नेगी के अतिरि
क्त कोई दूसरा बड़ा नेता शेष नहीं रह गया है।
हालांकि माना जा रहा है कि शैलेंद्र की घर वापसी से कोटद्वार क्षेत्र के कुछ भाजपाई क्षत्रप असहज महसूस कर रहे हैं। भविष्य में भगवा नाव में सवार होकर किसी बड़े चुनाव की वैतरणी पार करने का ख्वाब सजाये ऐसे नेताओं को शैलेंद्र की वापसी कहीं न कहीं परेशान करने लगी है। चर्चा तो यहां तक है कि ऐसे नेता शनिवार देर शाम तक भाजपा प्रदेश मुख्यालय से लेकर प्रांतीय अध्यक्ष के आवास तक के फेरे लगाकर इस घर वापसी कार्यक्रम को टालने का प्रयत्न करते रहे।
बहरहाल, आज जबकि देवभूमि में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जान फूंकने आ रहे हैं वहीं आज के ही दिन कांग्रेस के कुछ स्तम्भ भगवा रंग में रंग रहे हैं। फिलहाल कांग्रेस के लिए राष्ट्रीय स्तर से लेकर प्रांतीय स्तर तक कठिन चुनौतियों का दौर चल रहा है।