नैनीताल: हाई कोर्ट ने जिला प्रशासन गढ़वाल को दी कालागढ़ में ध्वस्तीकरण की अनुमति

नैनीताल।
हाईकोर्ट ने कालागढ़ बांध के समीप खाली व खस्ताहाल 72 आवासों को ध्वस्त करने की अनुमति जिला प्रशासन पौड़ी को दे दी है। गत दिवस हुई सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश जी.नरेंदर और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई में जिलाधिकारी को ये अनुमति दी गई है। न्यायालय ने कहा है कि डीएम और टाइगर रिजर्व के निदेशक को न्यायालय में अनुपालन रिपोर्ट भी देनी होगी।
कालागढ़ कल्याण एवं उत्थान समिति ने याचिका दायर कर जिलाधिकारी पौड़ी की ओर से दिए गए ध्वस्तीकरण के आदेश को चुनौती दी थी। डीएम आशीष कुमार चौहान ने न्यायालय में हलफनामा दायर कर बताया कि कालागढ़ क्षेत्र में 72 खाली और जर्जर संरचनाएं पाई गईं हैं, जो अब पूरी तरह से ढहने की स्थिति में हैं। इसके अतिरिक्त 25 अन्य संरचनाएं हैं, जो पहले सिंचाई विभाग से वन विभाग को हस्तांतरित हुईं थीं, वे भी खस्ताहाल हैं। इन्हें ध्वस्त करने की जरूरत है। 12 फरवरी 2025 को हुए संयुक्त निरीक्षण में राजस्व, वन, सिंचाई और पुलिस अधिकारियों ने इन सभी ढांचों का विस्तृत सर्वेक्षण और निरीक्षण किया था, जिसमें पाया गया कि ये क्षेत्र कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र के अंतर्गत आता है। यह इलाका वन्यजीव संरक्षण के लिए आरक्षित है, इसलिए यहां अवैध निर्माणों और मानव निवास की अनुमति नहीं दी जा सकती है।