सुखद: श्रीनगर में चाय की दुकान चलाने वाली अंजना बनीं पार्षद

श्रीनगर॥
हालांकि मौजूदा दौर में लोकतंत्र धन बल का पर्याय बन चुका हो किंतु बावजूद इसके इस तिमिर में कहीं उजाले की किरण भी नजर आती हैं। मसलन श्रीनगर नगर निगम के चुनाव में एक ऐसी युवती पार्षद का चुनाव जीत गईं जो चाय की दुकान चलाकर अपना व अपने परिवार का भरण पोषण कर रही है। उन्हें पूर्व में राज्य सरकार द्वारा तीलू रौतेली पुरुस्कार से भी नवाजा जा चुका है।
श्रीनगर की अंजना की कहानी संघर्षों से जूझने की एक जीती जागती मिशाल है। 2011 में अंजना के पिता की मृत्यु के बाद परिवार का सारा बोझ उनके कंधे पर आ गया। शहर में पीएनबी के सामने चाय की दुकान चलाने वाली अंजना ने दुकान चलाने के साथ अपनी पढ़ाई भी जारी रखी और समाज शास्त्र विषय में परास्नातक की डिग्री भी ली। इस मर्तबा अंजना ने निकाय चुनाव में पार्षद के पद पर भाग्य क्या आजमाया की जनता ने भी उन्हें भरपूर सहयोग दिया नतीजतन वह पार्षद पद पर निर्वाचित हो गईं।