बागेश्वर: हाई कोर्ट की दखल के बाद सरकार अवैध खनन को लेकर सख्त, बनाई कमेटी

हिमतुंग वाणी ब्यूरो
बागेश्वर में खड़िया खनन में अनियमितताओं व अवैज्ञानिक खनन के चलते हो रहे नुकसान के मामले को उच्च न्यायालय द्वारा स्वतः संज्ञान लेने व अग्रिम सुनवाई तक खनन पर पूर्ण प्रतिबंध के बाद सरकार एक्शन मोड में आ गयी है। शासन ने अदालत के आदेशों के क्रम में वरिष्ठ भूवैज्ञानिकों की एक कमेटी बनाकर बागेश्वर की सभी खड़िया खदानों का विस्तृत भूगर्भीय सर्वेक्षण कराने की तैयारी पूरी कर ली है। सूत्रों के मुताबिक सरकार अवैज्ञानिक तरीके से चल रही खदानों के साथ जीरो टोलरेंस के साथ फैसला करने के मूड में है।
ज्ञात हो कि माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल ने बागेश्वर जनपद में खड़िया खदानों में अनियमितताओं की लगातार आ रही शिकायतों के मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए बीते 6 जनवरी को खनन गतिविधियों पर पूरी रोक लगा दी थी। साथ ही कोर्ट ने 9 जनवरी को सचिव औद्योगिक विकास , निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय , जिलाधिकारी बागेश्वर व जिला खान अधिकारी बागेश्वर को तलब किया था। अदालत ने बागेश्वर के जिला खनन अधिकारी को निलंबित करने का आदेश भी दिया। इसके साथ ही माननीय न्यायालय ने बागेश्वर जनपद में खड़िया सहित अन्य सभी खनन कार्यों पर आगामी 12 फरवरी को होने वाली अग्रिम सुनवाई तक पूर्व रोक का फरमान भी जारी किया। हाई कोर्ट ने सरकार से खड़िया खदानों का विशेषज्ञ भूवैज्ञानिकों से विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश भी दिए।
इधर शासन ने अदालत के आदेशों के अनुपालन के क्रम में अपर निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय की अध्यक्षता में एक एक्सपर्ट कमिटी के गठन किया है। इस समिति में सचिव आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा नामित 2 तकनीकी अधिकारी, उप महानिदेशक, भारतीय सर्वेक्षण विभाग देहरादून द्वारा नामित 2 जियोलॉजिस्ट, निदेशक, भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान द्वारा नॉमिनेटेड टेक्निकल अफसर, उप निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म पिथौरागढ़, सहायक भूवैज्ञानिक भूतत्व एवं खनिकर्म टेहरी , सहायक भूवैज्ञानिक भूतत्व एवं खनिकर्म रुद्रप्रयाग एवं प्राविधिक सहायक भूतत्व एवं खनिकर्म देहरादून को सदस्य नामित किया गया है।
शासन ने समिति से अपेक्षा की है कि बागेश्वर में खड़िया खनन से हो रहे पर्यावरणीय क्षति व जानमाल को हो रहे नुकसान व अन्य जोखिमों का विस्तृत अध्ययन किया जाए। सूत्रों के मुताबिक धामी सरकार व उत्तराखंड शासन बागेश्वर में खड़िया खनन से हो रहे तमाम क्षति पर पूरी तरह से रोक लगाने को प्रतिबद्ध है। शासन ने बागेश्वर में खड़िया खनन से पर्यावरण नुकसान के साथ ग्रामीणों के समक्ष आ रही दिक्कतों को पूरी गंभीरता से लिया है।