श्रीनगर/पौड़ी: दावानल के साइड इफ़ेक्ट शरू, गुलदार उठा ले गया बच्चे को
हिम् तुंग वाणी
यूं तो समूचा प्रदेश इस ग्रीष्मकालीन में भयंकर दावाग्नि की चपेट में था किंतु जनपद गढ़वाल में दावानल का असर कुछ ज्यादा दिखाई दिया। यही कारण रहा कि जिला प्रशासन को वनाग्नि पर काबू पाने के लिए भारतीय वायु सेना की मदद तक लेनी पड़ी। हालांकि जंगलो की आग पर काफी हद तक अब नियंत्रण है लेकिन अब गुलदार जैसे हिंसक जानवर शिकार की तलाश में बस्तियों का रुख करने लगे हैं। एक सप्ताह के अंदर ही जिले में गुलदार के हमले के सामने आए वहीं शुक्रवार देर शाम को श्रीनगर शहर के बुघाणी तिराहे से गुलदार एक तीन वर्षीय बच्चे को उठा ले गया।
शुक्रवार को श्रीनगर के बुघाणी मार्ग तिराहे के समीप हरद्वारी लाल के 3 वर्षीय पुत्र सूरज को गुलदार आंगन से उठा ले गया। बीते एक सप्ताह में ग्रामीण क्षेत्रों में गुलदार द्वारा पालतू पशुओं व कुत्तों के शिकार की अनगिनत घटनाएं प्रकाश में आ रही हैं। दरअसल जंगल की आग में बड़ी संख्या में हिरन, काकड़, साही, खरगोश, सूअर व जंगली मुर्गियों के भष्म हो जाने के बाद गुलदारों के लिए जंगल में भोजन का अभाव हो गया है। स्वाभाविक रूप से गुलदार अब शिकार
की तलाश में बस्तियों का रुख करने को मजबूर हैं। आने वाले कुछ महीने अब गुलदार के हमलों के मामले में बेहद संवेदनशील होने वाले हैं। न केवल पालतू पशु बल्कि इंसान भी गुलदार के निशाने पर हो सकते हैं।