सीमा के भुतहा होते गांवो से डरी राज्य और भारत सरकार

■केंद्रीय रक्षा मंत्री के सीमावर्ती गांवो के दौरों में सच्चाई आई सामने■
■उत्तराखंड सरकार का नया प्लान, चीन-नेपाल सीमा पर खुलेंगी 15 पुलिस चेकपोस्ट■
देहरादून। हिम् तुंग वाणी

उत्तराखण्ड के सीमावर्ती गांवो से तेजी से हो रहे पलायन के कारण भूतहा हो गये गाँवों को देख अब उत्तराखंड की सरकार भी डरने लगी है। केंद्रीय रक्षा मंत्री के हालिया सीमांत दौरों के दौरान जो मंजर देखा और सुना गया उससे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी खासे नाराज़ थे। अब रक्षा मंत्री को भी ये डर हो गया था कि इन भूतहा गांवो में घुसपैठ के जरिये विदेशी अपना नया ठिकाना बना सकते है। गांवो की इन हालातों को देखते हुए उन्होंने गांवो को सुरक्षित करने के भी निर्देश दिए। तीन सीमांत जिलों पिथौरागढ़ चमोली और उत्तरकाशी के सीमावर्ती गांव पलायन की समस्या से त्रस्त है ऐसे में इन सीमावर्ती गांवो में घुसपैठ के जबर्दस्त आशंका बन गई है। अब सरकार इसको देखते हुए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत केंद्र सरकार सीमावर्ती गांवों में सुविधाएं बढ़ाने की कोशिश अब कोशिश करने लगी है। अब सरकार नेपाल-चीन सीमा के पास 15 पुलिस चेकपोस्ट बनाने की तैयारी की जा रही है।चीन व नेपाल सीमा से सटे उत्तराखंड के 52 वाइब्रेंट विलेज में सुरक्षा व्यवस्था और पुख्ता करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए पुलिस विभाग की ओर से यहां 15 रिपोर्टिंग पुलिस चेकपोस्ट खोलने की तैयारी है। जो वायरलेस व रिपीटर सेट से लैस होंगी और हर समय पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। गृह विभाग ने शासन को इसका प्रस्ताव भेजा है, जिसे मंजूरी मिलते ही चेकपोस्ट स्थापना की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उत्तराखंड के तीन सीमांत जिलों पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी में कुल 658 किलोमीटर सीमा चीन व नेपाल से लगी है।
इन गांवों में आर्थिक सुधार-आजीविका विकास, घर व ग्रामीण अवस्थापना, पारिस्थितिकी तंत्र का पुनरुद्धार, सड़क कनेक्टिविटी, कौशल विकास आदि कार्य किए जाने का प्लान बनाया गया है।