एक्सक्लुसिव: टायर माउंटेड एक्सकैवेटर से खनन की अनुमति दे सकता है हाई कोर्ट
■खनिकर्म विभाग ने उच्च न्यायालय में लगाई थी गुहार
■न्यायालय को पोकलेन पर ज्यादा आपत्ति
■ टायर माउंटेड मशीन को मिल सकती है अनुमति
हिम् तुंग वाणी एक्सक्लूसिव
प्रदेश की
नदियों में हो रहे चुगान व खनन में मशीनों के प्रयोग पर उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाए जाने के बाद खनन कारोबारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था, वहीं खनन विभाग को भी अपेक्षित राजस्व उगाही में दिक्कतें पेश आ रही थीं। इसके अलावा मशीनों द्वारा अवैध खनन की गतिविधियों में भी इजाफा देखने को मिल रहा था।
इसे देखते हुए खनिज एवम खनिकर्म विभाग उत्तराखंड ने माननीय उच्च न्यायालय में गुहार लगाई है कि विभाग द्वारा अनुज्ञप्ति प्राप्त ठेकेदारों को खनन कार्य में मशीनों के उपयोग की अनुमति प्रदान की जाए। इसी क्रम में सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने विभाग से एक शपथपत्र मांगा है।
बताया जा रहा है कि माननीय हाई कोर्ट को पोकलेन जैसी मशीनों पर आपत्ति है। न्यायालय नहीं चाहता कि अधिक अश्व शक्ति क्षमता की मशीनों को नदी में किसी भी स्थिति में न उतारा जाए। ऑनरेबल कोर्ट ने टायर माउंटेड ऐसी मशीनों के प्रति उदार रुख दिखाया है जिनकी इंजन क्षमता 80 हॉर्स पॉवर तक सीमित हो। कोर्ट किसी भी दशा में चेन-बेल्ट माउंटेड व अधिक अश्व शक्ति की मशीनों को खनन कार्य में उपयोग में लाने को तैयार नहीं है।
टायर माउंटेड व 80 से कम अश्व क्षमता की मशीनों के प्रति न्यायालय का उदार रुख देखते हुए यदि खनिकर्म विभाग शपथपत्र प्रस्तुत कर दे तो शीघ्र ही प्रदेश की नदियों में टायर माउंटेड मशीनों से खनन कार्य हो सकता है