#रामनगर

चिंताजनक: कॉर्बेट के बाघ होने लगे हैं इंसानी गोश्त के शौकीन

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फिर बनाया एक महिला को निवाला

■आये दिन होने लगी हैं ऐसी घटनाएं

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■गुलदारों जैसी प्रवृत्ति पनपने लगी है बाघों में भी

 

रामनगर। आखिर अब कार्बेट में रहने वाले बाघ भी  आदमखोर होने लगे है जबकि कार्बेट रिजर्व में बाघों के लिये पर्याप्त मात्रा में छोटे जंगली जानवर मौजूद है। इस तरह की घटनाओं से कॉर्बेट रिजर्व के साथ वन विभाग के आला अधिकारी भी परेशान है।क्या बाघ अपनी आदतों को बदल रहे है या वे भी अब अपने शिकार के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करना चहाते? कर्वेट में एक और घटना ने कर्वेट प्रशासन को परेशान किया हुआ है। हालिया घटना में,रामनगर क्षेत्र के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के जंगल में महिलाओं के साथ लकड़ी बीनने गई एक महिला को बाघ ने फिर से अपना निवाला बना लिया। महिला के देर तक वापस न लौटने पर ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी तो वन कर्मियों और ग्रामीणों ने महिला को खोजबीन शुरू की। काफी मशक्कत के बाद लापता महिला का क्षत विक्षत शव ढेला रेंज के बेलघट्टी क्षेत्र में कालू सिद्ध मजार के पास बरामद हुआ।
मिली जानकारी के अनुसार बुधवार की धाम तीन बजे रामनगर ढेला मार्ग पर स्थित पटरानी गांव की तीन महिलाएं पटरानी क्षेत्र अंतर्गत कॉर्बेट रिजर्व पार्क के रेस्क्यू सेंटर की ओर रामनगर ढेला मार्ग पर लकड़ी बीनने गई थी, जिसमें से एक महिला अनीता पत्नी रमेश राम उम्र 30 वर्ष लकड़ी बीनने जंगल में दूर निकल गई। काफी देर तक अनीता के वापस न लौटने पर साथ की महिलाओं ने ग्रामीणों को सूचित किया।
जिसके बाद ग्रामीणों की सूचना पर वनकर्मियों की टीम मौके पर पहुंची। टीम ने ग्रामीणों के साथ जंगल की खाक छानते हुए शाम के धुंधलके में लापता महिला का क्षत विक्षत शव ढेला रेंज के बेलघट्टी क्षेत्र में कालू सिद्ध मजार के पास से बरामद किया। महिला का शव बरामद होते ही ग्रामीणों में रोष पनप गया। वन्य जीवों का आतंक झेल रहे ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा है कि विभाग ग्रामीणों को बाघों से सुरक्षा देने में विफल साबित हो रहा है।
मृतक महिला पटरानी (कारगिल) गांव के मनोनित ग्राम प्रधान हरीश पंचवाल की भाभी है। महिला के चार बच्चे बताए जा रहे हैं। दूसरी ओर पटरानी (कारगिल) में बाघ द्वारा महिला को मारे जाने पर किसान संघर्ष समिति के संयोजक ललित उप्रेती ने इसे दुखद घटना बताते हुए कहा है कि इस घटना की पूर्ण जिम्मेदारी वन विभाग की है। उस इलाके में आदमखोर बाघ होने के बाद भी उसे पकड़ने की कोशिश नहीं की गई। जिससे आज उसने इस दूसरी घटना को अंजाम दिया है। यह आदमखोर बाघ वही बाघ है जिसे कुछ दिन पहले पूजा देवी को हाथीडगर में मारा था। अगर इसे तुरंत नहीं पकड़ा गया तो वन विभाग के खिलाफ बड़ा आंदोलन होगा।

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