उम्मीद: 2023 का इन्वेस्टर समिट होगा 2018 के मुकाबले ज्यादा फलदायी
■ढाई लाख करोड़ के इंवेस्टिमेन्ट का अनुमान
■पीएम मोदी करेंगे शुभारंभ
■निवेशकों के लिए बिछाया रेड कारपेट
■विस नतीजों के बाद निवेशक महसूस कर रहे सुरक्षित भविष्य
■2018 के समिट से कहीं बेहतर रिजल्ट की प्रत्याशा
हिम तुंग वाणी
उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सरकार के दौरान हुए इन्वेस्टर समिट के बाद अब धामी सरकार द्वारा 8 व 9 दिसम्बर को देहरादून में ढाई लाख करोड़ के निवेश की रूपरेखा के साथ भव्य आयोजन किया जा रहा है। उम्मीद की जा रही है इस बार का इन्वेस्टर समिट 2018 के समिट के मुकाबले ज्यादा फलदायी होगा।
धामी सरकार द्वारा सिलक्यारा मिशन पूर्ण किये जाने के बाद पूरी एनर्जी ग्लोबल समिट पर लगा दी गयी है। समिट की वेन्यू सहित देहरादून की तमाम सड़कों व चौराहों को मेहमानों के सामने चाक चौबंद दर्शाने की खातिर करोड़ों की मदद से चमकाया जा रहा है। यदि ढाई लाख करोड़ का इंवेस्टिमेन्ट धरातल पर उतर जाता है तो शहर के रंग रोगन व इन्वेस्टर्स की खातिर बिछाए जा रहे रेड कारपेट पर खर्च हो रहा यह पैसा प्रासंगिक साबित होगा।
वर्ष 2018 में हुए इन्वेस्टर समिट में भी 600 से ज्यादा एमओयू साइन हुए थे किंतु अपेक्षित रिजल्ट नहीं मिल पाए। किन्तु इस मर्तबा सरकार का कमिटमेंट ज्यादा ठोस नजर आ रहा है, यदि ढाई लाख करोड़ का पचास फीसदी निवेश भी उत्तराखंड की धरती में उतरता है तो उम्मीद की जा सकती है कि इस बहुप्रचारित समिट का आयोजन सफल रहा है।
बहरहाल इस मेगा आयोजन का शुभारंभ करने स्वयम प्राइम मिनिस्टर मोदी देहरादून आ रहे हैं, नतीजतन सरकार व सिस्टम भी जोश में है। साथ ही तीन राज्यों में भाजपा को मिली प्रचंड विजय के बाद निवेशक भाजपा शासित सूबों में पैसा लगाने के प्रति अधिक सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।