#उत्तराखण्ड

खनन में मशीनों के उपयोग को लेकर सरकार कर रही गंभीर एक्सरसाइज

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मशीनों का इस्तेमाल बन्द होने के चलते नदियों में एकत्र हो रहा मलबा
■आपदा को निमंत्रण देता है यह मलबा
■सीएम धामी के निर्देश पर अधिवक्ताओं की फौज कर पैरवी

हिम तुंग वाणी ब्यूरो

नदियों में खनन व चुगान में मशीनों का इस्तेमाल पर माननीय उच्च न्यायालय की रोक के आदेश में ढील देने हेतु सरकार ने कमर कस ली है।
दरअसल सरकार का मानना है कि मशीनों के उपयोग किये बिना रिवर बेड पर एकत्र मलबे को हटाया जाना नामुमकिन है। यह मलबा बारिश के दौरान आपदा के सबब बनता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इसे लेकर काफी गंभीर हैं, उनके निर्देश पर खनिकर्म विभाग माननीय न्यायालय में ठोस पैरवी करने जा रहा है।
उधर, नैनीताल हाई कोर्ट द्वारा टायर माउंटेड 80 हॉर्स पावर तक के एक्सकैवटर के इस्तेमाल को लेकर लचीला रुख दिखाने के बाद विभाग द्वारा अधिकृत वकीलों का पैनल पूरी तैयारी के साथ पैरवी करने जा रहा है। उम्मीद है कि एक दो रोज में नदियों में खनन कार्य हेतु 80 अश्व शक्ति तक सीमित टायर माउंटेड मशीनों के उपयोग की इजाजत मिल जाएगी।

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