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स्वास्थ्य सेक्टर में आंख मूँद कर निवेश नहीं लेना चाहते डॉ धन सिंह

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स्वास्थ्य सेवा के मामले में फूंक फूंक कर कदम रखना चाहते हैं मंत्री

■सिर्फ निवेश नहीं , लोगों को अच्छी सुविधाएं मिले, 

■ पुराने अनुभवों की समीक्षा के बाद होगा फैसला

देहरादून।

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देश और दुनिया से दून पहुंचे इन्वेस्टर्स ने राज्य के स्वस्थ्य महखमे में निवेश करने के लिए इंटरेस्ट दिखाया पर अभी तक सूबे के स्वास्थ्य मंत्री ने इस पर हामी नहीं भरी है। निवेशक राज्य के कुछ मेडिकल कालेज और अस्पतालों में निवेश कर उन्हें पीपी मोड़ पर ले कर भारी निवेश करना चहाते है। प्रदेश में पुराने अनुभवों को देखते हुये अभी इस पर अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है, हालांकि प्रस्ताव और निवेश की सूचना राज्य के काबीना मंत्री स्वास्थ्य के पास पहुँच चुकी है।

राज्य के चार अस्पतालों को पीपीपी मोड पर दिए जाने का फैसला भी ले लिया है लेकिन धन सिंह रावत ने अभी इसकी पुष्टि नहीं कि उन्होंने कहा कि हम अपनी शर्तों पर ही अपने अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज को निजी हाथों में देंगे, जबकि उनके इस बयान से ठीक पहले ही चार अस्पतालों को लेकर पीपीपी मोड पर दिए जाने की रूपरेखा भी तैयार हो चुकी है। धामी सरकार ने भी फिर अस्पतालों को निजी हाथों में सौंप कर बेहतर व्यवस्था बनाने का प्रस्ताव रखा है ताकि ज्यादा से ज्यादा इन्वेस्टर्स हेल्थ सेक्टर में भी अपनी रुचि दिखा सके और राज्य के लोगों को भी इसका सकारात्मक लाभ मिल सके। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि अस्पतालों का निर्माण पूरा हो चुका है अब इनमें मैन पॉवर और मशीनों को पीपीपी मोड पर ले रहे संस्थाओं को पूरा करना होगा, जिससे अस्पतालों की सुविधायें बेहतर हो सके। उन्होंने बताया कि हल्द्वानी हरिद्वार समेत चार अस्पताल निजी हाथों में सौंपे जाने है जिसका लाभ राज्य के लोगों को भी मिलेगा।लेकिन अभी तक स्वास्थ्य मंत्री की ओर से इस बारे में कोई भी आधिकारिक सहमति नहीं जताई गई है।

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