#उत्तराखण्ड

फ़र्ज़ी प्रमाण पत्र: नर्सिंग भर्ती से पहले आयी फेक डॉक्यूमेंट की बू

Share Now

नहीं छंट रहा राज्य सेवा में फ़र्ज़ी प्रमाण पत्रों के ग्रहण का साया

■आये दिन हो रहे खुलासे, चतुर्थ श्रेणी से लेकर राजपत्रित अफसर तक बन बैठे हैं फर्जी प्रमाण पत्रों की बुनियाद पर

■आगामी नर्सिंग भर्ती परीक्षा में भी कुछ ऐसे इनपुट मिलने के संकेत

उत्तराखंड राज्य में प्रांतीय सेवाओं में फ़र्ज़ी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने का सिलसिला नहीं थम पा रहा है। बीते कुछ समय से एक सहायक अभियंता व एक सहायक महाप्रबंधक जैसे बड़े पद पर कार्यरत व्यक्तियों के सर्टिफिकेट फ़र्ज़ी पाने के बाद उन्हें टर्मिनेट तक किया गया। किन्तु लगता है फर्जी डिग्रियों की बुनियाद पर सूबे में अनेक सरकारी नुमाइंदे  नौकरी बजा रहे हैं। इनमें तो अनेक बड़े बड़े ओहदों पर भी विराजमान हैं। इस बीच आगामी दिनों में होने वाली नर्सिंग की परीक्षा में भी अनेक अभ्यर्थियों के फेक डॉक्यूमेंट के आधार पर परीक्षा में शामिल होने के इनपुट के बाद एजेंसिया सतर्क हो गयी हैं। 

हिम् तुंग वाणी ब्यूरो

देश की सर्वश्रेष्ठ सांस्कृतिक व सामाजिक पत्रिका

राज्य में 1564 नर्सिंग अधिकारियों के पदो की भर्ती में कुछ एक अभ्यर्थियों द्वारा नकली प्रमाण पत्र का सहारा लेने की सूचना की भनक लगते ही विभाग ने अभ्यर्थियों के सत्यापन को गंभीरता और फूलप्रूफ करने के लिए अलग से एसएसपी और कलक्टर को पत्र भेजे गये है।अब तक सत्यापन का कार्य जारी है। उधर विभाग को सूचना मिली थी कि कुछ एक अभ्यर्थियों द्वारा जाली प्रमाण पत्रों का सहारा लिया जा सकता है। विभाग की फजीहत भी शुरू हो गई है। लगातार नर्सिंग अधिकारियों के पदो के सत्यापन के लिए जिलों में भेजी गई लिस्ट का सत्यापन पूरा नहीं हुआ है जिसकी मुख्य वजह शासन के फर्जी प्रमाण पत्रों के बारे में सोलिड इनपुट होना भी बताया जा रहा है शासन के पास जानकारी होने के चलते सत्यापन को कठोरता से किया जा रहा है जिससे फर्जी दस्तावेज के जरिए नोकरी पाने वालो को ब्लैक लिस्टेड करते हुए सख्त कार्रवाई की जा सके। लंबे समय से नियुक्त का इंतजार कर रहे युवाओं को नौकरी की आस जगी तो कुछ के द्वारा फर्जीवाड़ा करते हुए बाकी की नोकरी के रास्ते में भी रोड बिछा दिए । जिसके चलते तमाम युवा बेरोजगार निराश नजर आ रहे है वही दूसरी तरफ चयन बोर्ड की काबिलियत पर भी सवाल खड़े हो रहे है कि इतना पारदर्शी सिस्टम बनाने के बाद भी फर्जीवाड़ा करने वाले उनकी गिरफ्त से केसे बच गए।। वहीं विभागीय गलियारों में घोटाले घोटाले का बीन भी बज रहा है जो समझ से परे है । दरअसल अभी नियुक्ति की प्रकिया ही गतिमान है तो फिर भर्ती में घोटाला होना किसी भी सूरत में सही नही कहा जा सकता।। सूत्रों की माने तो विभाग के पास पूरी जानकारी होने के चलते ही नियुक्ति प्रक्रिया के हर पहलु की जांच करते हुए कदम फूंक फूंक कर बढ़ाए जा रहे हैं।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *