कोटद्वार: क्या सिंचाई विभाग ही राजस्व पर लगा रहा चूना

■गाड़ीघाट में 3 पोकलेन व 1 जेसीबी सीज
■पुस्ता निर्माण की बुनियाद के नाम पर देर रात को चल रही थीं मशीने
कोटद्वार, हिम् तुंग वाणी।
राजस्व विभाग व खनन विभाग द्वारा अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 3 पोकलेन व 1 जेसीबी को मौके पर बरामद करने के बाद हैरानी भरा खुलासा हुआ है। जांच के बाद पाया गया कि इस खनन में स्वयं सिंचाई विभाग लिप्त है।
मामला गढ़वाल जनपद के कोटद्वार तहसील की गाड़ीघाट का मामला है। यहां खोह नदी में रात में खनन की सूचना मिलने पर जब राजस्व प्रशासन कोटद्वार की टीम मौके पर पंहुची तो वहां 3 पोकलेन व 1 जेसीबी मौके पर खनन करती हुई पायी गईं।
इस पर जब वहां मौजूद सिंचाई विभाग के ठेकेदार से पूछा गया तो उसका तर्क था कि 400 मीटर से लम्बी सुरक्षा दीवार बनाने के लिए बुनियाद तैयार की जा रही है, किन्तु मौके पर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जहां पर खनन हो रहा था वहां पूर्व से ही सुरक्षा दीवार निर्मित है। ऐसे में अवैध खनन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
उधर दूसरी तरफ विभागीय ठेकेदार यह भी जोड़ते हैं कि इस हेतु आवश्यक खनन की फ़ाइल जिला अधिकारी गढ़वाल को भेजी जा चुकी है किंतु हकीकत यह है अभी तक डीएम द्वारा इसे अनुमति नहीं मिली है, ऐसे में सरसरी तौर पर यह अवैध खनन का मामला प्रतीत हो रहा है।
प्रशासन की कार्रवाई के बाद शनिवार को डिस्ट्रिक्ट माइनिंग ऑफिसर रवि एस नेगी ने मौके पर जाकर स्थिति का मुआयना किया, उन्होंने पाया कि मौके पर 3 पोकलेन व 1 जेसीबी खड़ी हैं। वहीं सिंचाई विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के पास भी इस खनन और इसकी अनुमति को लेकर स्पष्ट जवाब नहीं है। राजस्व व खनन विभाग के स्तर पर मामले की जांच जारी है।

इस कार्रवाई के बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या सिंचाई व अन्य सरकारी विभाग ही राजस्व पर चूना लगाने लगे हैं।
यदि जांच के बाद यह पाया जाता है कि रात्रि के समय नदी में मशीने उतार कर हो रहा यह खनन न तो पुस्ते के निर्माण स्थल पर था और न ही किसी अनुमति के बाद, तो यह गढ़वाल जनपद में सरकारी महकमे द्वारा ही राजस्व चोरी का एक बड़ा मामला साबित होगा।