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भारतनामे राजा भरत की जन्मस्थली को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने का संकल्प लेते डीएम

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अजय रावत अजेय (हिम तुंग वाणी)

जिले के हर हिस्से को पर्यटन से जोड़ने की कवायद

■कोटद्वार से लैंसडौन से स्वर्गाश्रम तक बनेंगे अनेक आकर्षक डेस्टिनेशन

■जिले की आर्थिकी को लगेंगे पंख


गढ़वाल जनपद के सभी हिस्सों में पर्यटन गतिविधियों के विस्तार के लिए जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान लगातार अभिनव गतिविधियों का आयोजन करते जा रहे हैं। डीएम ने गढ़वाल जिले से जुड़ी ऐतिहासिक जानकारियों को जुटाकर इस दिशा में प्रयास शुरू किए। यमकेश्वर से लालढांग तक प्राचीन साल्ट-ढाकर रुट को एक्स्प्लोर करने के लिए उनके द्वारा करीब 26 किमी का पैदल ट्रेक किया गया। इसके पश्चात स्वर्गाश्रम में बीटल्स महोत्सव आयोजित किया गया तथा इसके साथ ही गंगा महोत्सव का आयोजन कर गंगा से लगे जिले के तटवर्ती क्षेत्रों में धार्मिक व ऐतिहासिक पर्यटन हेतु राह खोजने का प्रयास किया गया।

इसी कड़ी में अब डीएम आशीष चौहान ने इस वर्ष के लिए ट्रेक ऑफ द ईयर घोषित कण्वाश्रम-किमसेरा-मालनिया ट्रेक को एक्स्प्लोर करने की खातिर स्वयम इस रुट पर ट्रेकिंग की।

कण्वाश्रम व मालिनी नदी के समृद्ध इतिहास पर नज़र डालते हुए डीएम का कहना है कि महर्षि कण्व की तपोस्थली व हस्तिनापुर के राजा दुष्यंत व महारानी शकुंतला के पुत्र राजकुमार भरत की जन्मभूमि गढ़वाल जनपद में है, जो इस जिले की ऐतिहासिक समृद्धि का जीवंत प्रतीक है। इस ऐतिहासिक समृद्धि को इस क्षेत्र में पर्यटन का आधार बना कर क्षेत्र की आर्थिकी का जरिया बनाया जा सकता है।

ट्रेक ऑफ द ईयर के तहत इस रूट पर स्थित करीब एक दर्जन स्थान ऐसे हैं जहां वैदिक इतिहास के भग्नावशेष पर्यटन हेतु आकर्षण का केंद्र बन सकते हैं। डीएम ने पर्यटन महकमे को इन सभी तथ्यों को मध्यनजर रखते हुए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए ।

कलक्टर डॉ चौहान के इन तमाम प्रयासों से गढ़वाल जिले का पर्यटन के रूप में सर्वांगीण विकास होने की राह प्रसस्त हो सकती है। डीएम चौहान की दूरदृष्टि ही है कि वह ऋषिकेश आने वाले सैलानियों को यमकेश्वर की तरफ और लैंसडौन आने वाले टूरिस्ट को कण्वाश्रम की ओर खींचने की खातिर लगातार प्रयासरत हैं। कोटद्वार में बर्ड वाचिंग फेस्टिवल का आयोजन भी पूर्व में जिलाधीश के द्वारा किया जा चुका है।

यदि डीएम चौहान की कार्ययोजना परवान चढ़ी तो कॉर्बेट पार्क, कण्वाश्रम, लैंसडौन, स्वर्गाश्रम सर्किट के जरिये जिले को एक से बढ़कर एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन मिल सकते हैं। 

वीडियो: डीएम द्वारा कण्वाश्रम-मालनिया ट्रेक पर ट्रेकिंग

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