#उत्तराखण्ड

2 दिसम्बर से नगर निकाय होंगे प्रशासकों के हवाले

Share Now

लोक सभा इलेक्शन के बाद होंगे नगर निकाय के चुनाव

■अध्यक्ष व मेयर हो जाएंगे 2 दिसम्बर से पैदल

अनिल बहुगुणा अनिल

देहरादून।उत्तराखंड में नगर निकायों के चुनाव उनके कार्यकाल से पहले करवाने से राज्य सरकार ने हाथ खींच लिये है। अब प्रशासक ही स्थानीय निकायों का कामकाज देखेंगे।एक दिसंबर को निकायों का कार्यकाल समाप्त होते ही सरकार इनमें प्रशासक तैनात कर देगी। शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने इसकी पुष्टि की है। प्रदेश में करीब 84 नगर निकाय के बोर्ड का कार्यकाल एक दिसंबर को पूरा हो जाएगा।
नियमानुसार 84 नगर निकायों के चुनाव 2 दिसम्बर से पहले कर दिये जाने चाहिये थे।लेकिन अभी निकायों में ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए गठित एकल आयोग भी अपना सर्वे समय पर पूरा नहीं कर पाया है। राज्य सरकार भी नहीं निकाय चुनाव को पीछे धकेलने के मूड़ में थी। राज्य सरकार की प्रथमिकता लोकसभा चुनाव पर कंसन्ट्रेट करना है। स्थानीय निकाय चुनाव लिटमस पेपर टेस्ट हो सकता था,इसलिए भी सरकार इससे कुछ समय के लिये बचना चाह रही थी। राज्य उच्च न्यायालय में भी राज्य सरकार द्वारा लंबित रिटो में आरक्षण तय न हो पाने का तर्क दिया है, राज्य सरकार का तर्क है कि वे आरक्षण को किसी भी हालत में नहीं छोड़ना चाहती है और न इसमें गड़बड़ी की गुंजाइश रखना चाहती है।
इसके अलावा राज्य निर्वाचन आयोग ने भी निकायों के चुनाव के लिए मतदाता सूची तैयार करने के लिए कार्यक्रम तैयार करने में पहले ही देरी कर दी थी। अब शहरी विकास मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने भी स्वीकार किया कि आरक्षण और मतदाता सूची बनाने की प्रक्रियाओं के गतिमान होने की वजह से तय समय पर चुनाव कराना मुमकिन नहीं है।

अब स्पष्ट है कि अब निकाय चुनाव अगले वर्ष लोकसभा चुनाव के बाद ही हो पाएंगे। इस बीच शहरी विकास निदेशालय ने भी शासन को दो दिसंबर से छह महीने के लिए निकायों में प्रशासक तैनात करने का प्रस्ताव भेज दिया है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *