#नैनीताल

सिल्क्यारा: हाइकोर्ट ने सरकार को दो टूक पूछा, कब तक निकालोगे मजदूरों को

Share Now

■उच्च न्यायालय सरकार के प्रयासों से नाखुश

■कहा, आखिर कब तक निकलेंगे मजदूर

■22 को फिर सरकार की क्लास लेगा हाई कोर्ट 

नैनीताल।उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को रेस्कयू करने में हो रही देरी के मामले में दायर पी.आई.एल.की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से 48 घण्टे के भीतर जवाब तलब किया है। और अगली तारीख 22 नवम्बर को तय की है।कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश मनोज कुमारी तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खण्डपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 22 नवम्बर के लिए तय कर दी है।खंडपीठ ने मिनिस्ट्री ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट, सचिव लोक निर्माण विभाग, केंद्र सरकार और नैशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिये है। देहरादून बेस्ड समाधान एन.जी.ओ.ने जनहित याचिका दाखिल कर कहा है कि उत्तरकाशी के सिलक्यारा में बीती 12 नवम्बर से 41 मजदूर टनल के अंदर फंसे हैं लेकिन सरकार उनको अभी तक न तो बाहर नहीं निकाल पाई है और न ही उनको बचाने के लिये जरूरी कदम उठा पाई है।
पीआईएल में आरोप लगया गया है कि सरकार और अन्य कार्यदायी संस्थाये टनल में फंसे मजदूरों की जान पर खिलवाड़ कर रही है। हर दिन उनको निकालने के लिए नए नए तरीके तलाशे जा रहे हैं ज कारण इन लोगों की जान खतरे में पड़ी है। कहा गया है कि लापरवाही देखते हुए उनपर आपराधिक मुदकमा दर्ज किया जाए।प्रकरण की जाँच एस.आई.टी.से करने की प्रार्थना की गई है। जनहित याचिका में यह भी कहा गया है कि टनल के अंदर काम शुरू होने से पहले मजदूरों को सुरक्षा के जरूरी सामान उपलब्ध कराए जाएं। इसमें रैस्क्यू पाइप, जेनरेटर, मशीनें आदि समान प्रमुख हैं। टनल के निर्माण के समय इस क्षेत्र की भूगर्भीय जांच ढंग से नहीं की गई थी, जिसकी वजह से आज इन मजदूरों की जान खतरे में पड़ गई है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *