#पौड़ी

अनिल बलूनी के चुनाव प्रचार को आरएसएस ने किया टेकओवर

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 ■बूथ स्तर पर आरएसएस ने संभाली बागडोर■
■मौजूदा चुनावी आकलनों के बाद आरएसएस हुई सक्रिय■

●अनिल बहुगुणा अनिल●

उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के प्रचार का अंतिम दौर शुरू हो गया। इसके साथ भाजपा और कांग्रेस चुनावी धार तेज कर दिया है। कांग्रेस प्रत्याशी की जबर्दस्त टक्कर दिए जाने के बाद, भाजपा की जीत के लिए आरएसएस ने पूरे चुनाव प्रचार को टेकओवर कर पूरा नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया है। हर बूथ पर आरएसएस का कार्यकर्ता नजर बनाए हुए हैं। साथ ही नाराज लोगों और कार्यकर्ताओं को भी सीधे साधा जा रहा है इसके साथ ही आरएसएस भाजपा के उन कार्यकर्ताओं पर भी निगाहें रखे हुए है जो तीन पाँच कर सकता है और विशेष तौर पर उन पर जो हालिया समय में भाजपा में जमा हुए है।

देश में लोकसभा चुनाव का शोर मचा हुआ है। भाजपा और कांग्रेस दोनों की दलों ने चुनाव जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। बात करें उत्तराखंड लोकसभा चुनाव की तो शुरूआती दौर में भाजपा व उनके प्रत्याशी जीत को आसान मान कर चले थे, लेकिन अब चुनावी समीकरण बदल गए हैं। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी की रैलियों में उमड़ी भीड़ ने भाजपा के लिए चुनावी रणनीति बदलने को मजबूर कर दिया है। हाल ही देश में आए चुनावी सर्वों में इंडिया गठबंधन को बढ़त मिलती दिख रही है। हालांकि अभी पीएम मोदी का जादू फ़ीका नहीं पड़ा है। जनता के बीच वर्तमान समय में भी उनकी लोकप्रियता आंकड़ों में बनी हुई।

लेकिन 2019 के चुनाव के मुकाबले इस बार लोकसभा चुनाव का माहौल बदला हुआ है। ऐसे में अब आरएसएस ने भी मौजूदा हालातों के देखते हुए प्रत्येक लोकसभा सीट पर सीधी नजर रखनी शुरू कर दी है। उत्तराखंड में भी आरएसएस ने अपने प्रत्याशियों की ​स्थिति और भाजपा को जीत दिलाने के लिए विधानसभा वार बू​थ स्तर पर अपने स्वयंसेवकों को उतार दिया है। आरएसएस से जुड़े लोगों को कहना है कि भाजपा तीसरी बार जीत के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है।ऐसे में आरएसएस ने चुनाव की बागडोर संभाली है और लोकसभा चुनाव की सीट के समीकरणों

नूतन विशेषांक: व्यंग

का साधने का प्रयास करने में लगी है। इसके साथ भाजपा कार्यकर्ताओं को भी मतदाताओं तक पहुंचाया जा रहा है। ताकि मतदान प्रतिशत बढ़े और गढ़वाल सीट को फ़तह करने के साथ अन्य सीटों को भी भाजपा के पक्ष में किया जा सका।

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