#पौड़ी #श्रीनगर (गढ़वाल)

सहकारिता से महिलाएं हो रहीं आर्थिक रूप से स्वावलंबी: डॉ धन सिंह

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● अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के तहत पौड़ी जिले में शुरू हुआ जनपद स्तरीय सहकारिता मेला●

●सहकारिता आंदोलन बनेगा ग्रामीण आत्मनिर्भरता का आधार: ऋतु खंडूरी●

◆सहकारिता से स्थानीय उत्पादों को पहचान और ग्रामीण क्षेत्र को समृद्धि: सीडीओ गुणवंत◆

 

श्रीनगर।।
अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के उपलक्ष्य में मंगलवार को श्रीनगर के आवास विकास मैदान में आयोजित जनपद स्तरीय सहकारिता मेले का उद्घाटन किया गया। विधानसभा अध्यक्षा ऋतु भूषण खंडूरी ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग करते हुए मेले का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

मुख्य अतिथि ने जिला स्तरीय सहकारिता मेले के पहले दिन लगाये गये विभागीय स्टॉल्स का निरीक्षण किया। इसके उपरांत उन्होंने जनमानस को संबोधित करते हुए कहा कि सहकारिता केवल आर्थिक गतिविधि तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक समरसता और ग्रामीण विकास की आत्मा है। उन्होंने कहा कि आज जब महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आगे बढ़ रही हैं तो यह केवल परिवार ही नहीं बल्कि पूरे समाज की उन्नति का संकेत है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे मेलों के माध्यम से उनके उत्पादों को सही मूल्य और बाजार मिलता है, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त बनती हैं और समाज की धुरी बनकर नई पीढ़ी को आत्मनिर्भरता की राह दिखाती हैं।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि सहकारिता आंदोलन ग्रामीण विकास की रीढ़ है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सहकारिता को केवल योजना तक सीमित नहीं रख रही, बल्कि इसे रोजगार, उद्यमिता और ग्रामीण समृद्धि का व्यापक आंदोलन बना रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार का प्रयास है कि प्रत्येक गांव को सहकारिता से जोड़ा जाए, ताकि स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुँचाने का मार्ग खुले। डॉ. रावत ने कहा कि सहकारिता से ग्रामीण युवाओं के लिए नए रोजगार और महिला समूहों के लिए आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित हो रही है। उन्होंने कहा कि अब तक सहकारिता से 30 लाख लोग जुड़ चुके हैं और इन सहकारिता मेलों के माध्यम से इसे 50 लाख किए जाने का लक्ष्य है।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्षा एवं कैबिनेट मंत्री ने पशुपालन के क्षेत्र में कार्य करने वाले तीन समूहों धारी देवी स्वयं सहायता समूह पोखरी, सुखरो देवी स्वयं सहायता समूह सुखरो और निर्मल स्वयं सहायता समूह पदमपुर सुखरो को 5-5 लाख रुपये के चेक वितरित किये। इसके अलावा पशुपालन व मुर्गीपालन का कार्य करने वाले अन्य लाभार्थियों अनूप सिंह, अर्जुन सिंह, मानवेन्द्र सिंह और जयपाल सिंह को 1.50-1.50 लाख रुपये के जबकि प्रेमलाल, राजेन्द्र सिंह और सुशिला देवी को प्रत्येक 1.60 लाख के चेक वितरित किये।

मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवन्त ने कहा कि सहकारिता मेले जैसे आयोजन स्थानीय उत्पादों को पहचान और स्थायी बाजार उपलब्ध कराते हैं। उन्होंने कहा कि जनपद के महिला एवं युवक समूहों द्वारा तैयार किए जा रहे जैविक उत्पाद, हस्तशिल्प, दुग्ध, पशुपालन एवं कृषि आधारित वस्तुएँ न केवल ग्रामीणों की आय बढ़ा रही हैं, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन का भी बड़ा माध्यम बन रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन का उद्देश्य सहकारिता मेलों के माध्यम से ग्रामीण उत्पादों को बाज़ार से जोड़ना है ताकि ग्रामीण अंचल में समृद्धि और आत्मनिर्भरता को गति मिल सके।

सहकारिता मेले में उपस्थित जनमानस ने कृषि, उद्यान, मत्स्य, डेयरी, पशुपालन, उरेडा, उद्योग, पर्यटन, समाज कल्याण, स्वास्थ्य, सहकारिता, सेवायोजन आदि विभागों एवं संस्थाओं द्वारा लगाये गये स्टॉल्स का भरपूर लाभ उठाया।

ज्ञातव्य है कि उत्तराखण्ड सहकारिता विभाग द्वारा 07 अक्टूबर से 15 अक्टूबर 2025 तक श्रीनगर में सहकारिता मेले का आयोजन किया जा था है।

इस अवसर पर परियोजना निदेशक डीआरडीए विवेक कुमार उपाध्याय, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, निवर्तमान अध्यक्ष गढ़वाल मण्डल संपत सिंह रावत, पूर्व अध्यक्ष डीसीबी नरेंद्र सिंह रावत, निवर्तमान अध्यक्ष यूसीएफ मातबर सिंह रावत, जिला सहायक निबंधक पान सिंह राणा, निदेशक इफको उमेश त्रिपाठी, एवं महावीर प्रसाद कुकरेती आदि उपस्थित रहे।

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