पायलट्स के लाइसेंस निलंबित कर हो गयी इतिश्री, असल खामियों पर डाला पर्दा
हिम् तुंग वाणी एक्सक्लुसिव
रविवार तड़के जब केदारघाटी में धाम से वापस लौट रहा हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ तो हेली सर्विसेज को लेकर चारों तरफ से सवाल उठने लगे। नागरिक उड्डयन विभाग से लेकर सरकार तक बैकफुट की स्थिति में आ गयी। आक्रोश को देखते हुए आनन फानन में दो पायलट्स के लाइसेंस भी निलंबित कर दिए गए, किन्तु हादसों की असल वजह पर अभी तक पर्दा गिरा हुआ है।
दरअसल दो पायलट्स के लाइसेंस को निलंबित भर किया जाना असल खामियों से ध्यान भटकाने की एक कसरत नजर आती है। क्योंकि जिन दो पायलट्स के लाइसेंस सस्पेंड किये गए वह पायलट्स उसी मौसम में उसी रूट पर सुरक्षित सोर्टीज़ लगा रहे थे।
एविएशन सूत्रों की माने तो जो फ्लाइट क्रैश का शिकार हुई व जिसमें 6 लोग हताहत हुए, वह दुर्घटना मौसम के कारण नहीं बल्कि डीजीसीए के गलत स्टैण्डर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर के परिणामस्वरूप हुई।
सूत्रों की माने तो आरटी कॉल के मुताबिक बादलों की डेनसिटी के बावजूद पायलट को बादलों के बीच 9 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ने की एसओपी निर्देशित की गई, जबकि वह दो पायलट जिनके लाइसेंस को निलंबित किया गया , उनके द्वारा इससे पूर्व बादलों के नीचे से उड़कर यात्रियों को सुरक्षित लैंड कराया गया।
सूत्रों का तो यहां तक दावा है कि फ्लाइट ऑपरेशन्स इंस्पेक्टर द्वारा डीजीसीए व मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन को भ्रामक जानकारियां व तथ्य प्रस्तुत किये गए। इतना ही नहीं अपनी खामियों पर पर्दा डालने की चेष्टा से लगातार सुरक्षित लैंडिंग करवा रहे दो पायलट्स के लाइसेंस को सस्पेंड कर दिया गया व ग्राउंड स्टाफ पर प्राथमिकी दर्ज कर दी गयी।
इस बीच अब यह भी सवाल उठ रहे हैं कि महानिदेशक नागरिक उड्डयन द्वारा बिना जांच के पायलट्स के खिलाफ कैसे कार्रवाई अमल में लायी गयी। फ्लाइट ऑपरेटिंग इंस्पेक्टर की योग्यता व नियुक्ति पर भी सवालिया निशान लगने लगे हैं। डीजीसीए या उड्डयन मंत्रालय को गुमराह करने वाले अफसरों पर क्या कार्रवाई हुई। सबसे अहम सवाल यह उठ रहा है कि जब अधिकांश पायलट्स लंबे समय से एसओपी में बदलाव की मांग कर रहे थे तो उनकी मांग को अनसुना क्यों किया जाता रहा..?
बाहरहाल दो पायलट्स पर कार्रवाई व ग्राउंड स्टाफ पर एफआईआर कर विभाग द्वारा स्वयं पर पड़ रहे प्रेशर को रिलीज़ करने का प्रयास तो कर दिया गया है किंतु हादसों की असल वजहों का पोस्टमार्टम किये बिना इस क्षेत्र में सुरक्षित एविएशन की उम्मीद नहीं की जा सकती।





