बागेश्वर खड़िया खनन पर एक और बज्रपात, सभी ईसी हुई निलंबित

- देहरादून।।
माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा बागेश्वर जिले में खड़िया यानी सोप स्टोन खनन में मची अंधेरगर्दी का स्वतः संज्ञान लेने व जिले में खनन गतिविधियों पर रोक लगाए जाने के बाद अब पर्यावरण विभाग के सूत्रों के मुताबिक सीया द्वारा बागेश्वर जिले में जारी सभी 169 इंवेरेमेंटल क्लीयरेंस को भी निलंबित कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि इन दिनों उत्तराखंड में बागेश्वर खड़िया खनन का मसला राज्य सरकार के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है। उच्च न्यायालय द्वारा जिले में सोप स्टोन खनन में लंबे समय से चल रही घोर अनियमितताओं का स्वतः संज्ञान लेते हुए न केवल सचिव औद्योगिक विकास, निदेशक खनन सहित तमाम बड़े अफसरों को कोर्ट में तलब किया गया बल्कि जिले में खनन की तमाम गतिविधियों पर भी रोक लगा दी गयी। - इधर पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन विभाग के सूत्रों की माने तो अब स्टेट इंवेरेमेंटल इम्पैक्ट असेसमेंट ऑथरिटी अर्थात सीया ने भी कठोर कदम उठाते हुए बागेश्वर जनपद में सोप स्टोन खनन से सम्बंधित सभी 169 इंवेरेमेंटल क्लीयरेंस को भी इस प्रकरण पर हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई के फैसला आने तक निलंबित कर दिया है। सीया की यह कार्रवाई न केवल खनन कारोबारियों बल्कि सरकार के लिए भी एक बड़ा झटका समझी जा रही है। सीया उत्तराखंड के चैयरमैन ए आर सिन्हा, सदस्य डॉ चंद्र भूषण प्रसाद व सदस्य सचिव डॉ एसपी सुबुद्धि द्वारा जारी आदेश के मुताबिक प्रथम दृष्टया यह प्रतीत होता है कि पट्टा धारकों द्वारा ईसी में तय मानकों व नियमों की घोर अनदेखी की गई है।