..तो विधायक दलीप महंत की सरकार में नहीं हो रही कोई सुनवाई..!
गैरसैंण॥
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ व विधानसभा में लैंसडौन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले लगातार तीसरी बार के विधायक दिलीप रावत महंत अपनी ही सरकार के महकमों की कार्यप्रणाली के प्रति अनोखे तरीके से रोष जताने के लिए जाने जाते हैं। पिछले कुछ माह से वह वन विभाग को लेकर खासे उबाल पर हैं। दावानल की घटनाओं के बाद विभाग द्वारा जब कुछ छोटे कर्मियों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित किया गया तो महंत ने इसकी भी बाकायदा पत्र जारी करते हुए मुख़ालफ़त की थी।
अब दलीप रावत महंत ने गैरसैंण सत्र के दौरान विधान सभा भवन के बाहर हाथ मे तख्तियां पकड़ अनोखे तरीके से आक्रोश व्यक्त किया है। अनोखा तरीका कहना इसलिए प्रासंगिक है कि इस तरह का प्रदर्शन किसी सत्ताधारी दल के विधायक द्वारा किया जाना दुर्लभ ही होता है। आखिर तीन बार से लगातार विधान सभा पंहुच रहे दलीप रावत महंत की आवाज़ को इस कदर अनसुना किया जा रहा है कि उन्हें विधानसभा सत्र में ही विधानसभा के बाहर विपक्षियों की भांति प्रदर्शन करना पड़ रहा है।
महंत ने भले ही पहाड़ का एक ज्वलन्त मुद्दा उठाया है किंतु सत्ताधारी दल के वरिष्ठ विधायक को अपनी आवाज़ वन महकमे तक पंहुचाने के लिए विपक्षियों की तरह रास्ता अख्तियार करना पड़ा। विधायक महंत के रोष का ऐसे सार्वजनिक होने के बाद न केवल प्रदेश का वन महक
मा बल्कि राज्य सरकार पर भी सवाल उठना लाजिमी है। वहीं इससे सत्ताधारी दल की इंटरनल केमिस्ट्री को लेकर भी सवाल उठना तय है।