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जातिविहीन व्यवस्था के पैरोकार थे जयानंद भारतीय: विधायक पोरी

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*पौड़ी बस स्टेशन में स्वाधीनता संग्राम सेनानी जयानंद भारती की प्रतिमा का अनावरण किया*

पौड़ी॥

डोला पालकी और आर्य समाज में अग्रहणी भूमिका निभाने वाले समाज सुधारक एवं स्वाधीनता संग्राम सेनानी जयानन्द भारती की प्रतिमा का बस स्टेशन पौड़ी में स्थानीय विधायक राजकुमार पोरी व जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने  अनावरण किया।

   स्थानीय विधायक ने अपने संबोधन में कहा कि डोला-पालकी आन्दोनल के ध्वजवाहक महान् स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं समाज सुधारक स्व० जयानन्द भारतीय गढ़वाल में अंग्रेजों और प्रतिक्रियावादियों के लिए एक बड़ी चुनौती थे। उन्होने शिल्पकारों को भूमि अधिकार दिलाने के लिए आंदोलन किया और एक जातिविहीन समाज की स्थापना के लिए हमेशा संघर्षरत रहे। कहा कि जयानन्द भारती ने डोला पालकी आंदोलन का नेतृत्व किया। सामाजिक विसंगति के चलते उस समय दूल्हा पालकी पर नहीं जा सकता था और दुल्हन डोली पर सवारी नहीं कर सकती थी। जबकि वर-वधू की पालकी और डोली को शिल्पकार समाज के लोगों को ही ढोना पड़ता था। उन्होने इसके खिलाफ आवाज उठाई।  उन्होंने इस कुप्रथा के खिलाफ महात्मा गांधी से मुलाकात की और उनसे शिल्पकारों की दुर्दशा की शिकायत करते हुए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया।

जिलाधिकारी ने कहा कि उत्तराखंडी समाज के लिए जयानन्द ‘भारती’ जी का योगदान एक समाज सुधारक, आर्यसमाज के प्रचारक, स्वतन्त्रता संग्रामी और सामाजिक अन्याय के खिलाफ लड़ने वाले जुझारू व्यक्तित्व के रूप में हमेशा याद किया जाता रहेगा।

  इस मौके पर संयुक्त मजिस्ट्रेट अनामिका, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम, राजेंद्र प्रसाद टम्टा, ईओ नगर पालिका गौरव भसीन, प्रादेशिक शिल्पकार समिति के प्रदे

सामाजिक व सांस्कृतिक चेतना की प्रतिनिधि पत्रिका अगस्त 2024

श अध्यक्ष हरिश्चंद्र शाह सहित अन्य उपस्थित थे।

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