चिंतनीय: फ़र्ज़ी डिग्री से नौकरी चाहिए तो चले आईये उत्तराखंड..!
देहरादून।
राज्य में फ़र्ज़ी प्रमाण पत्रों के जरिये नौकरी हथिया लेने के मामले खुलते ही जा रहे है। एक और मामला प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा शिकायत को गंभीरता से लेने के बाद पकड़ा गया है। इस मामले में अब कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज करवा दी गई है।उत्तराखंड राज्य फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर सरकारी नौकरी हथियाने के लिए सबसे सेफ राज्य बन गया है।
औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (सिडकुल) में फर्जी सेर्टिफिकेट्स के आधार पर नौकरी और निर्माण कार्यों में करोड़ों के घोटाले के मामले में सिडकुल की पूर्व सहायक महाप्रबंधक (मानव संसाधन) और अन्य के खिलाफ अब मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में पिछले लंबे समय से जांच चल रही थी। जांच के बाद सिडकुल के प्रबंधक (मानव संसाधन) करन सिंह नेगी की ओर से राजपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है।शिकायत के अनुसार 2016 में सिडकुल ने सहायक महाप्रबंधक (मानव संसाधन) सहित विभिन्न पदों के लिए भर्ती का विज्ञापन जारी किया था।
रानीपुर, हरिद्वार निवासी राखी ने सहायक महाप्रबंधक पद के लिए आवेदन किया। जिसमें 10वीं, 12वीं, बीएससी और एमबीए (मानव संसाधन) के शैक्षणिक योग्यता का प्रमाण-पत्र लगाये गए थे। इस पद के लिए न्यूनतम आठ वर्ष का कार्य-अनुभव मांगा गया था, जिसके लिए राखी ने इंजीनियरिंग कालेज रुड़की (कोर) व वर्ष 2007 से 2014 तक सिडकुल हरिद्वार में संविदा पर कार्य का अनुभव का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया। वर्ष 2017 में राखी को इस पद पर नियमित नियुक्ति दे दी गई।
नियुक्ति पर सवाल उठने के बाद 2018 में एसआईटी का गठन कर जांच के निर्देश दिए। एसआईटी जांच के दौरान कालेज आफ इंजीनियरिंग की ओर से जारी प्रमाण-पत्र और अन्य दस्तावेज फर्जी पाए गए। कालेज आफ इंजीनियरिंग ने बताया कि राखी ने कभी संस्थान में काम ही नहीं किया। सभी जांच रिपोर्ट आने के बाद अक्टूबर 2023 में सिडकुल प्रबंधन ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल करने राखी को बर्खास्त कर दिया था।
●चालक पदों पर भी खूब फर्जीवाड़ा●
एसआईटी जांच में इस बात को भी खुलासा हुआ कि सिडकुल में नियुक्ति के लिए चालक पदों पर भी फर्जी प्रमाण-पत्र नौकरी दी गई है। चालक पद पर चयनित अमित खत्री निवासी मसूरी ने गुरुकुल विश्वविद्यालय वृंदावन मथुरा से वर्ष 2006 में कक्षा 10वीं द्वितीय श्रेणी
से उत्तीर्ण करना बताया। यह विवि आर्य प्रतिनिधि सभा देश लखनऊ की ओर से संचालित होना बताया गया था।अमित का परीक्षा केंद्र भगवती देवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल अमित विहार कुकरा मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश बताया गया था। SIT ने जब गुरुकुल विश्वविद्यालय वृंदावन मथुरा से पत्राचार किया तो अमित के प्रमाण-पत्र फर्जी पाए गए। इसी तरह दूसरे चालक विकास कुमार ने भी इसी विवि से 10वीं उत्तीर्ण करने का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया था, जो फर्जी पाया गया।
2012 से 2017 के बीच सिडकुल ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में औद्योगिक क्षेत्रों में निर्माण कार्य कराए थे। वित्तीय अनियमितता की शिकायत पर शासन ने वर्ष 2018 में आइजी गढ़वाल की देखरेख में एसआईटी गठित कर जांच बैठा दी। इसी दौरान सिडकुल में नियुक्ति फर्जीवाड़ा भी सामने आया। इस दौरान कई आइजी बदले गए, लेकिन जांच पूरी नहीं हुई।
सिडकुल की ओर से जांच से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध ही नहीं कराए जा रहे थे। 2023 अक्टूबर में महानिरीक्षक गढ़वाल करन सिंह नगन्याल ने जांच पूरी करने के बाद रिपोर्ट शासन को भेज दी थी। इसके बाद शासन ने फर्जी नियुक्ति को लेकर मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए गये है।