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रामजी के निलंबन को लेकर पीसीएस अधिकारी संघ नाराज़

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देहरादून।

उत्तराखण्ड राज्य में अब अधिकारियों के निलंबन को लेकर भी यूनियनबाजी होने लगी है,इसी तरह की यूनियनबाजी अब देहरादून जिले में एडीएम रहे रामजी शरण शर्मा का निलंबन के मामले में की जा रही है। जबकि रामजी शरण शर्मा को भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से निलंबित करने के आदेश दिए गये थे।
इस निलंबन को लेकर अब पीसीएस संगठन के कई पदाधिकारी सोमवार को अपर मुख्य सचिव कार्मिक आनंद वर्धन के कार्यालय पहुंचे और उनके निलंबन को वापस लेने की मांग की। राज्य पीसीएस संघ ने निलंबित ADM शर्मा के पक्ष में अपने तर्क रखे। संघ के अधिकारियों ने यह मांग की कि रामजी शरण शर्मा का निलंबन वापस लिया जाए. उन्होंने कहा कि इस वरिष्ठ पीसीएस

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अधिकारी के खिलाफ जरूरत से ज्यादा कड़ी कार्रवाई की गई है. ऐसे में इनका निलंबन वापस होना चाहिए।
इधर निलंबित
वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी रामजी शरण शर्मा को अब आरोप पत्र भी सौंप दिया गया है. जल्द ही प्रकरण में उनके खिलाफ जांच भी शुरू की जाएगी. रामजी शरण शर्मा पर निर्वाचन ड्यूटी में लापरवाही बरतने और अपने उच्चस्थ अधिकारी के साथ खराब व्यवहार करने समेत उनके आदेशों को न मानने का भी आरोप है। निलंबित अधिकारी रामजी शरण शर्मा ने आरोप पत्र का जबाब देने के बज़ाय पीसीएस संघ के पास जाने का रास्ता अख़्तियार किया।
वैसे तो पीसीएस संघ के अधिकारियों ने अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन के सामने अपनी बातों को रखा, आनन्द वर्धन ने कहा कि इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया के आदेश पर वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी रामजी शरण शर्मा का निलंबन हुआ है. ऐसे में फिलहाल इस स्तर पर उनके निलंबन को वापस नहीं लिया जा सकता है. मामले में जल्द ही जांच अधिकारी नामित कर दिया जाएगा। इसके बाद प्रकरण पर जांच के बाद यह रिपोर्ट भारत निर्वाचन आयोग को भी भेजी जाएगी।
पीसीएस एसोसिएशन के गिरधारी सिंह रावत ने कहा कि इस मामले में अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन से निलंबित अधिकारी रामजी शरण शर्मा के संदर्भ में बातचीत हुई है, उनसे निलंबन वापस किए जाने को लेकर मांग रखी गई थी।

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