.. तो क्या सीबीआई जांच से बचने को किया गया खनन निदेशक को सस्पेंड..!
हिम् तुंग वाणी
सरकार ने मंगलवार रात आनन फ़ानन में एक सनसनीखेज फैसला लेते हुए महज़ दो माह बाद रिटायर होने जा रहे खनन निदेशक सुरेश लॉरेंस पैट्रिक को निलंबित कर दिया। इस सारे प्रकरण के पीछे पिछले दिनों हुए एक तथाकथित बन्धक बनाने का मामला प्रमुख माना जा रहा है।
दरअसल, जब ओमप्रकाश तिवारी नाम का कारोबारी पैट्रिक के खिलाफ हाई कोर्ट गया तो माननीय न्यायालय द्वारा इस प्रकरण को स्टैंडिंग कॉउंसिल के पास भेजकर यह निर्देश दिया गया कि इस बात की जांच की जाए कि क्या इस प्रकरण की सीबीआई जांच सम्भव है। इस हेतु न्यायमूर्ति द्वारा स्टैंडिंग कॉउंसिल को एक सप्ताह का समय
दिया गया।
न्यायालय के इस कदम के बाद शासन व खनन अनुभाग में खलबली मच गई। ज़ाहिर है यदि मामले की सीबीआई जांच होती है तो इसकी लपटें न केवल खनन निदेशालय बल्कि सचिवालय व शासन तक जाना तय हैं। यह विभाग लगातार विवादास्पद फैसलों के चलते चर्चा में रहा है, लिहाज़ा सरकार को इस बात की आशंका भी थी कि यदि मामले की सीबीआई जांच होती है तो हर मामले की परतें खुलना तय है।
जानकारों का मानना है कि कोर्ट के सीबीआई जांच संबन्धी संभावित फैसले की आशंका के चलते सरकार ने आनन फानन में डायरेक्टर सुरेश लॉरेंस पैट्रिक को सस्पेंड कर दिया ताकि मामले की आंच को कम किया जा सके। गौरतलब है कि खनन महकमें के मंत्री स्वयं मुख्यमंत्री हैं, ज़ाहिर है सीबीआई जांच की स्थिति में आंच भोपाल पानी से चौथे माले तक भी पंहुच सकती थीं ।