नैनीताल: कांग्रेस को बड़ा झटका, दीपक बलुटिया ने कहा अलविदा
हल्द्वानी।
नैनीताल लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के नाम की घोषणा होते ही नैनीताल जिले के कॉंग्रेस के एक सशक्त पिल्लर ने भी अब पार्टी को अलविदा कह दिया है। दीपक बलुटिया ने अपना त्यागपत्र शैलजा को भेज दिया है।। पार्टी की ओर से नैनीताल-उधमसिंह नगर सीट पर प्रत्याशी के नाम का ऐलान होने के चंद घंटों के अंदर ही कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता दीपक ब्लयूटिया ने इस्तीफा दे दिया। दीपक ने कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा को अपना त्यागपत्र भेज दिया है।
उन्होंने अपने त्यागपत्र में अपने मन की पीड़ा लिखी है।
प्रतिष्ठा में , सुश्री कुमारी शैलजा जी प्रभारी उत्तराखण्ड कॉंग्रेस विषय: कॉंग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा महोदया, बहुत ही भारी मन से व अपनी अंतरात्मा की आवाज से मैं कॉंग्रेस पार्टी से इस्तीफ़ा देने के लिए विवश हूँ। कॉंग्रेस के एक वफादार सिपाही होने के नाते 35 वर्षों से लगातार जन सेवा के साथ-साथ जन मुद्दों को उठाता आया हूँ। मैं बेहतर तरीके से समाज की सेवा करना चाहता हूँ। मेरी प्रेरणा रहे उत्तराखण्ड के प्रिय नेता विकास पुरुष स्व. नारायण दत्त तिवारी के आदर्शों में चलकर उनके विकास के साथ-साथ उनकी विरासत को आगे ले जाकर समाज की सेवा करना चाहता रहा हूँ, लेकिन कॉंग्रेस में एक ऐसे विद्यार्थी की तरह महसूस करता हूँ जिसने बहुत मेहनत करी पर उसे कभी भी इम्तेहान में नहीं बैठने दिया गया और न ही प्रतिभा का प्रदर्शन का मौका दिया।मुझे मेरे उन साथियों के लिए बहुत पीड़ा है जो मेरे साथ निःस्वार्थ भाव से जुड़े हैं और मेरे साथ मिलकर संघर्ष करते आए हैं। अपनी क्षमता व अपने संसाधनों के अनुसार मेरी पूर्ण कोशिश रही है कि यथा शक्ति जन सेवा करूँ व जन मुद्दों को जानता व सरकार सम्मुख रखूँ। मेरा मानना है कि एक संवैधानिक मुकाम में पहुँचकर जानता की बेहतर सेवा की जा सकती अवसर देने की बजाय हर समय अनदेखी की गई।जब कोई भी पार्टी का जमीनी कार्यकर्ता जमीन पर पार्टी के लिए काम करता हो और पार्टी के शीर्ष नेता आपके किए संघर्ष व कार्य को सम्मान करने की बजाय आपको नजरंदाज करें तो बहुत पीड़ा होती है। पार्टी में तमाम गतिरोध व मनोबल गिराने के बावजूद निरन्तर कार्य करना आसान नहीं है बावजूद इसके 35 वर्षों से एक कर्मठ कार्यकर्ता व वफादार सिपाही की तरह सेवा करता रहा हूँ।मैं उन सभी शुभ चिंतकों और मेरे संघर्ष की यात्रा में सांथ रहे सांथियों से इस आत्मनिर्णय के लिए तहेदिल से क्षमा चाहता हूँ और विश्वास दिलाता जन मुद्दों के लिए मेरा संघर्ष जारी रहेगा।