तीरथ ने गडकरी को सौंपा गढ़वाल-कुमाऊं कनेक्टिविटी के नए रूट्स का विस्तृत रोडमैप

नई दिल्ली/पौड़ी। हिम् तुंग वाणी
पूर्व मुख्यमंत्री व गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने केंद्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी से भेंट कर उत्तराखंड के गढ़वाल व कुमाऊं क्षेत्र के मध्य कनेक्टिविटी को सहज करने सम्बन्धी दो नए राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण के विस्तृत प्रस्ताव सौंपे। इन सड़कों के निर्माण से जहां गढ़वाल व कुमाऊँ के मध्य राज्य के अंदर ही आवाजाही के बेहतर विकल्प मिल सकेंगे, वहीं गढ़वाल जिले के अंदरूनी व पिछड़े इलाके भी राष्ट्रीय राजमार्गों के जरिये देश-दुनिया से जुड़ जाएंगे। यह दोनों मार्ग भविष्य में टूरिस्ट रूट व ट्रेड रूट के रूप में भी प्रचलित होंगे।
प्रस्ताव-1: लक्ष्मणझूला-दुगड्डा-मोहान-रानीखेत मार्ग
यह महत्वाकांक्षी मार्ग जहाँ तीर्थ नगरी ऋषिकेश को पर्यटन नगरी रानीखेत से सीधे जोड़ेगी, वहीं जनपद गढ़वाल के यमकेश्वर, द्वारीखाल, दुगड्डा, रिखणीखाल व नैनीडांडा विकासखण्डों की लाइफ लाइन भी साबित होगी। दरअसल, यह प्रस्तावित उच्च मार्ग जिन स्थानों से होकर गुजरेगा , उनमें यमकेश्वर, द्वारीखाल, दुगड्डा, रिखणीखाल व नैनीडांडा के सैकड़ों अति पिछड़े गांव भी शामिल हैं। इस प्रस्तावित राजमार्ग के आसपास के इलाके अभी तक विकास की किरणों से कोसों दूर हैं। वर्तमान में इस मार्ग का कुछ हिस्से को प्रांतीय राजमार्ग का दर्जा हासिल है किंतु बजट के अभाव व नेशनल हाईवे के मुकाबले छोटे मानकों के चलते यह नाममात्र का हाईवे है, जिसके चलते इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही करने से यात्री हिचकते हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग बनने के बाद इसका कायाकल्प होना तय है।
प्रस्ताव-2: देवप्रयाग-सतपुली-रिखणीखाल-रामनगर मार्ग
तीरथ ने जो दूसरा प्रस्ताव नितिन गडकरी को सौंपा है वह समूचे नयार घाटी की तस्वीर बदल देगा, वहीं उत्तराखंड में एक नए ट्रेड रूट के रूप में विकसित होकर इस मार्ग के अगल बगल के इलाकों आर्थिक क्रांति भी आ जायेगी। इस रूट से नयार घाटी क्षेत्र तीर्थ नगरी ऋषिकेश व कॉर्बेट नेशनल पार्क से सीधे जुड़ जाएगी, नतीजतन घाटी क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को पंख लगना भी तय है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग देवप्रयाग से शुरू होकर सतपुली-रिखणीखाल-रामनगर को जोड़ेगा। यह राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-7 को एनएच-534 की इन्टरकनेक्टिवि भी बनेगा। सतपुली से मधुगंगा घाटी क्षेत्र से रिखणीखाल के गांवों का इलाका आज भी मध्ययुगीन युग में है। बेहतर कनेक्टिविटी न होने से इस क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का विकास भी मन्थर गति से चल रहा है। वर्तमान में इस प्रस्तावित राष्ट्रीय राजमार्ग का देवप्रयाग-बिलखेत सेक्शन को भले ही स्टेट हाईवे का दर्जा प्राप्त है किंतु सतपुली से रिखणीखाल की तरफ अभी इस मार्ग की कनेक्टिविटी भी नहीं हो पाई है। यदि केंद्रीय सड़क मंत्रालय इसकी मंजूरी देता है तो सांसद तीरथ की यह एक बड़ी उपलब्धि में शामिल हो जाएगा। इस सड़क से कम से कम डेढ़ से 2 लाख की आबादी सीधे सीधे लाभान्वित होगी।

प्रस्ताव-3: देवप्रयाग में मोटर पुल
ऋषिकेश- बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग को सीधे देवप्रयाग बाजार से जोड़ने के लिए एक मोटर पुल की मांग भी सांसद तीरथ द्वारा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के समक्ष रखी गयी। इस पुल के बनने से पौड़ी जिले के हज़ारों ग्रामीणों को सीधा फायदा मिलेगा।