देहरादून: पुरानी पेंशन योजना हेतु सभी विधायकों को दिया ज्ञापन
देहरादून।
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा द्वारा पुरानी पेंशन बहाली के लिए उत्तराखंड विधानसभा के पहले दिन राज्य के सभी विधायकों को पुरानी पेंशन बहाली के लिए ज्ञापन दिया गया। मोर्चा द्वारा सभी विधायकों से अनुरोध किया गया कि कर्मचारी के सेवानिवृत्ति के बाद पुरानी पेंशन ही उनका एकमात्र सहारा है। आज जहां एक कर्मचारी 80 हजार से एक लाख रुपए वेतन पाते हुए सेवानिवृत हो रहा है तो सेवानिवृत्ति पर उसे 1500 से 2000 रु0 पेंशन प्राप्त हो रही है। जिससे कि उसे बुढ़ापे में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के विधायकों द्वारा मोर्चा को आश्वस्त किया गया कि वह इस बात को सरकार तक अवश्य पहुंचाएंगे तथा सदन में भी इस बात को पुरजोर तरीके से रखेंगे। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि वास्तव में एक सरकारी कर्मचारी को सेवानिवृत्ति पर एक सम्मानजनक पेंशन मिलनी चाहिए। जिससे कि वह अपना और अपने परिवार का भरण पोषण अच्छी तरह से कर सके। मोर्चा द्वारा लोकसभा चुनाव 2024 से पूर्व पुरानी पेंशन बहाल करने हेतु दबाव बनाया गया है। मोर्चा द्वारा सचिवालय में कार्यरत कार्मिकों के लिए 2005 से पहले अधियाचित एवं रिक्त पदों के प्रति उसके बाद नियुक्त हुए कार्मिकों के लिए पुरानी पेंशन का शासनादेश जारी होने पर सराहना व्यक्त करते हुए मोर्चे ने इस बात की मांग भी की है कि प्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्यरत सभी कर्मचारियों, शिक्षकों, डॉक्टरों , इंजीनियरों और अधिकारियों को भी 2005 से पहले अधियाचित एवं रिक्त पदों के प्रति नियुक्त हुए कार्मिकों को भी पुरानी पेंशन दी जानी चाहिए। इस संबंध में मोर्चा ने अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद वर्धन को भी एक ज्ञापन दिया। ज्ञापन देने वालों में प्रदेश अध्यक्ष जयदीप रावत, प्रदेश प्रभारी विक्रम सिंह रावत, प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष रोहित जोशी, अवधेश सेमवाल, अभिषेक नवानी, माखनलाल शाह, जसपाल गुसाईं, मुरली मनोहर भट्ट, सचिन अग्रवाल, सुखपाल बिष्ट, मोहन सिंह बिष्ट, शिव सिंह राणा, सुमित, आशुतोष सेमवाल आदि उपस्थित थे।