#पौड़ी

पौड़ी: पिंजरा मौके पर रख वन विभाग ने कर ली इतिश्री

Share Now

■24 दिसम्बर को कुंड गांव में एक महिला पर किया था हमला
■उसी रोज पिंजड़ा तो ले आये, लेकिन लगाने की नहीं मिली इजाजत
■क्षेत्र में रोज हो रही गुलदार की दस्तक, ग्रामीण दहशत में

पौड़ी। हिम् तुंग वाणी

वन महकमा ग्रामीणों की सुरक्षा के प्रति कितना संजीदा है इसका अनुमान गढ़वाल जनपद की पौड़ी तहसील की मनियारस्यूँ पट्टी के ढाडूखाल क्षेत्र में देखा जा सकता है। इस क्षेत्र के कुंड गांव में एक गुलदार द्वारा एक महिला को बुरी तरह ज़ख़्मी कर दिया गया था। उसी रोज वन विभाग के कर्मी पिंजरा लेकर मौके पर तो पंहुच गए थे लेकिन अभी तक इस पिंजरे को गुलदार कैद करने के लिए लगाने की अनुमति विभाग से नहीं मिल पाई है। हालांकि, गढ़वाल वन प्रभाग की नागदेव रेंज की अदवाणी बीट में तैनात कर्मी रोज क्षेत्र में मौजूद रह कर भयभीत ग्रामीणों के दिलासा अवश्य दे रहे हैं।
बीते 24 दिसम्बर को दिनदहाड़े करीब 11 बजे गुलदार द्वारा हमला कर कुंड गांव की शांति देवी पत्नी राजपाल सिंह को घायल कर दिया गया था। घायल महिला को उपचार हेतु द हंस जनरल अस्पताल चमोली सैण सतपुली ले जाया गया था। घटना की जानकारी मिलने पर वन विभाग के कर्मी पिंजरा लेकर मौके पर भी पंहुच चुके थे। मौके पर पिंजरा देख क्षेत्रीय ग्रामीणों को लगा कि जल्द ही गुलदार को कैद कर लिया जाएगा।
किन्तु घटना को एक सप्ताह बीतने के बाद भी अभी तक गुलदार को कैद करने की अनुमति नहीं मिल पाई है, जिसके कारण यह पिंजरा अभी तक ढाडूखाल में पौड़ी-कांसखेत-सतपुली स्टेट हाईवे के किनारे पड़ा हुआ है, जबकि ग्रामीणों का दावा है कि अभी भी क्षेत्र में गुलदार की चहल कदमी बनी हुई है। महिलाएं घास लेने खेतों तक जाने में डर रही हैं वहीं स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए खतरा जस का तस बना हुआ है। क्षेत्रीय ग्रामीण भुवनेश्वर डोबरियाल का कहना है कि ग्रामीणों को रोज गांव व आम पैदल रास्तों के निकट गुलदार दिखाई दे रहा है।

■ क्षेत्र में वन विभाग की टीम मुस्तैद
अदवाणी बीट में तैनात उप वन क्षेत्राधिकारी एम एस नेगी ने बताया कि वह और उनकी टीम रोज क्षेत्र में जाकर ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए तैनात है। विशेष रूप से स्कूल खुलने व बन्द होने के समय पर क्षेत्र में वन कर्मी लगातार गश्त कर रहे हैं। पिंजरे को गुलदार कैद करने के लिए स्थापित करने के लिए अनुमति हेतु वन क्षेत्राधिकारी नागदेव रेंज को पत्र भेजा जा चुका है। अनुमति मिलते ही पिंजरे को यथास्थान पर गुलदार कैद करने हेतु स्थापित कर दिया जाएगा।

■कोई बड़ी घटना घटती है तो सारी जिम्मेदारी विभाग की: क्षेत्रवासी
पिंजरे को लगाने के बाबत विभाग की इस हीलाहवाली से नाराज़ ग्रामीणों का आरोप है कि वन महकमें के बड़े अधिकारी किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं। यदि शीघ्र गुलदार को कैद न किया गया तो क्षेत्र में गुलदार द्वारा किसी बड़ी घटना को अंजाम दिया जा सकता है। यदि कोई बड़ी घटना घटती है तो इसके लिए वन महकमें के आला अफसर ही उत्तरदायी होंगे, जिनकी वजह से पिंजरा लगाने में विलंब हो रहा है।

देश की सर्वश्रेष्ठ रचनात्मक पत्रिका में स्थान पाएं

 

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *