समान नागरिक संहिता: इतिहास रचने की दहलीज पर धामी
देहरादून। (हिम तुंग वाणी)
यदि सब कुछ तय कार्यक्रम के मुताबिक चला तो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भारत के संविधान में एक महत्वपूर्ण संसोधन के प्रीमियर लीडर बन कर इतिहास रच डालेंगे। यदि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कानून पास होता है तो अन्य राज्यों के साथ संघीय स्तर पर भी इस हेतु प्रयास शुरू हो जाएंगे। यह कानून एक तरह से मॉडल बन कर सामने आ जायेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा तैयार करवाये गये समान नागरिकता संहिता जल्द विधानसभा के विशेष सत्र में चर्चा करने की तैयारी कर दी गई है। विधानसभा सत्र में चर्चा के बाद उत्तराखंड जल्द ही समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन सकता है। जानकर सूत्रों के आसार , उत्तराखंड में रंजना देसाई के नेतृत्व में बनी कमेटी अगले एक से दो दिन में अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप सकती है. दिवाली के बाद उत्तराखंड विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की भी तैयारी की जा रही है।
यूनिफार्म सिविल कोड (UCC) उत्तराखंड जल्द ही लागू कर सकता है. सूत्रों के मुताबिक उतराखंड में रंजना देसाई के नेतृत्व में बनी समिति मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अगले एक से दो दिन में रिपोर्ट सौंप सकती है. दिवाली के बाद उतराखंड विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की भी तैयारी है. विधानसभा सत्र में यूनिफार्म सिविल कोड बिल को पेश कर उसे कानून की शक्ल दी जाएगी.विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम धामी ने राज्य में यूसीसी लागू करने का वादा किया था. इसके लिए उन्होंने एक समिति का गठन किया था. समिति ने ऑनलाइन पोर्टल के जरिए लोगों से उनके सुझाव मांगे थे. इसके बाद समिति को करीब 20 लाख लोगों ने अपने सुझाव भेजे थे. यूसीसी का ड्राफ्ट पहले ही तैयार कराया जा चुका है.
धामी ने केंद्रीय मंत्री अमित
गौरतलब कि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पिछले महीने यूसीसी को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक की थी। इस बैठक में उत्तराखंड यूसीसी समिति की अध्यक्ष रिटायर्ड जज न्यायमूर्ति रंजना देसाई समेत अन्य सदस्य भी मौजूद थे।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि गुजरात सरकार लोकसभा चुनाव से पहले अपने राज्य में यूसीसी को लेकर कानून लागू कर सकती है।