गढ़वाल लोकसभा की जमीन पर अपनी राह मजबूत करते त्रिवेंद्र
■सीता माता पथ पर चलकर संदेश प्रसारित करते पूर्व सीएम
■मौजूदा सांसद तीरथ व अन्य संभावित दावेदारों के माथे को तपाते खैरसैण के सूरज
अजय रावत अजेय (संपादक, हिम तुंग वाणी)
पूर्व सीएम व भाजपा के वरिष्ठ नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत सीता माता पथ को पुनर्स्थापित करने के संकल्प के साथ इन दिनों एक यात्रा पर हैं। यह तीन दिवसीय यात्रा अलकनंदा व भागीरथी के संगम स्थल पर स्थित रघुनाथ मंदिर से प्रारंभ होकर कोट विखं में स्थित माता सीता की समाधि स्थल पर सम्पन्न होगी।
हालांकि यह यात्रा नितांत धार्मिक है, जिसमे सीता माता पथ को स्थापित कर इसे देश दुनिया के समक्ष लाने का संकल्प निहित है। किन्तु सियासी व्यक्ति द्वारा आयोजित किसी भी कार्यक्रम में राजनीति का पुट न हो, सहसा इस बात पर यकीन नहीं किया जा सकता। वह भी तब, जब 6 माह पश्चात लोक सभा चुनाव होने हैं और त्रिवेंद्र सिंह रावत इस मर्तबा गढ़वाल लोक सभा क्षेत्र से प्रबल दावेदारों की फेहरिस्त में शामिल बताए जा रहे हैं।
पूर्व में त्रिवेंद्र द्वारा चमोली जनपद के निरंतर व व्यापक भ्रमण भी किया गया, गढ़वाल व चमोली जनपद गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र के अहम हिस्सा हैं। जो दावेदार या प्रत्याशी इन दो जनपदों को साधने में कामयाब हो जाये, पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट का ताज उसी के सर पर सजना तय होता है।
त्रिवेंद्र सिंह रावत की यह सक्रियता न केवल मौजूदा सांसद व पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत की पेशानी में बल डालने के काफी है बल्कि अन्य दावेदार जो इस मर्तबा बाया गढ़वाल लोकसभा सीट संसद भवन तक जाने की हसरत पाले हुए हैं, उनके अरमानों पर भी पानी के छींटे नज़र आने लगे हैं।
प्रदेश भाजपा व प्रदेश सरकार में फिलवक्त किसी बड़े बदलाव की उम्मीद कम ही नज़र आ रही है , ऐसे में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि अब खांटी संघी त्रिवेंद्र द्रोण नगरी की सियासत के बजाय इंद्रप्रस्थ के दरबार में अपना आसन तलाश रहे होंगे। देखना है त्रिवेंद्र रावत की यह सक्रियता आगामी लोकसभा चुनाव के टिकट वितरण में क्या गुल खिलाती है।