#पौड़ी

गढ़वाल जनपद के गौरवशाली अतीत को टटोलते डीएम आशीष चौहान

Share Now

हिमतुंग वाणी पौड़ी  
उत्तरकाशी व पिथौरागढ़ जनपदों में लीक से हटकर अभिनव प्रयोग करने वाले युवा आइएएस डा आशीष को जैसे ही प्रदेश के महत्वपूर्ण व सियासी रूप से अहम जनपद गढ़वाल की कमान मिली तो उन्होने पहले ही दिन से अपनी चिरपरिचित तेजतर्रार शैली में कार्य करना शुरू कर दिया। रुटीन प्रशासनिक कार्यों के साथ-साथ उन्हाने ब्रिटिश गढ़वाल के नाम से पहचाने जाने वाले गढ़वाल जनपद के गौरवशाली अतीत पर जमी वक्त की धूल को हटाने की मुहिम छेड़ी। गढ़वाल जपनद के मुख्यालय पौड़ी को लेकर भी उन्होने अनेक योजनाओं का खाका खींचा है और उन्हे अमलीजामा पहनाने के लिए व निरंतर प्रयासरत हैं।
जनपद के तकरीबन हर हिस्से को पहचान दिलाने के तहत उनके द्वारा प्रयास जारी हैं।

नेशनल फ्लैग व प्रथम सीडीएस विपिन रावत स्मारक
डा आशीष ने पौड़ी मुख्यालय में सर्वोच्च राष्ट्रीय प्रतीक अर्थात राष्ट्रीय ध्वज की अवस्थापना के कार्य को अपनी प्राथमिकता में रखा। इस हेतु पौड़ी नगर के समीप भूमि तलाशने का प्रयास किया, किंतु कतिपय कारणों से उपयुक्त भूमि उपलब्ध न होने पर पौड़ी-श्रीनगर हाईवे पर गंगा दर्शन मोड़ के समीप विशाल राष्ट्रध्वज व प्रथम सीडीएस स्व0 जनरल विपिन रावत की आदमकद प्रतिमा की स्थापना का कार्य गतिमान है।

ट्राइडैंट
पौड़ी नगर के समीप पौड़ी-देवप्रयाग प्रांतीय राजमार्ग पर एक विशाल त्रिशूल की स्थापना का कार्य भी डीएम चौहान के प्रयासों से जल्द शुरू होने का है, इसकी स्थापना से पौड़ी नगर में प्रवेश करने वाले आगंतुकों के सामने नगर की एक भव्य छटा दर्शनीय होगी।

हैरिटेज भवन
ब्रिटिश युग में निर्मित व वर्तमान में निष्प्रयोज्य पड़े पुराने कलक्ट्रेट भवन के मूल स्वरूप को खंडित किए बिना वहां पर एक हैरिटेज भवन बनाने का सपना भी कलक्टर आशीष चौहान संजोए हुए हैं। इसके लिए दो करोड़ के बजट के साथ निर्माण की घोषणा भी मुख्यमंत्री द्वारा कर दी गई है। उम्मीद है इस हैरिटेज भवन के निर्माण से पौड़ी शहर में आने वाले पर्यटकों के दर्शनार्थ एक नया पड़ाव भी मिल जाएगा।
मांउटेन म्यूजियम
पौड़ी मुख्यालय मे आकर्षक व दर्शनीय स्थलों के विकास की सोच के तहत. डा आशीष ने राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी. द्वारा अपनी सांसद निधि के तहत प्रस्तावित मांउटेन म्यूजियम को पौड़ी में बनाने हेतु प्रयास शुरू कर दिए हैं, इस हेतु भूमि की तलाश का कार्य जारी है

सैनिक सिटी बिलखेत
नेशनल डिफेंस के प्रति बेहद संजीदा व इस विषय में गहरी जानकारी रखने वाले डा चौहान का मानना है कि चीन सीमा के निकट हमारी रक्षा तैयारियों को और मजबूत किया जाना होगा। पिथौरागढ़ में अपने कार्यकाल के दौरान उनके द्वारा इसी सोच के तहत. नैनी सैनी हवाई पट्टी को एयर फोर्स के हवाले किया गया तथा चीन. सीमा पर सैकड़ों एकड़ भूमि सेना व पैरा मिलिट्री फोर्स को आवंटित की गई। इसी तरह उनके द्वारा पौड़ी जनपद के बिलखेत में एक मिलिट्री सिटी बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार व रक्षा मंत्रालय को भेजा गया है। इस हेतु भूमि संबंधी औपचारिकताएं भी जिला प्रशासन द्वारा पूरी कर ली गई हैं। डीएम का मानना है कि यह स्थान ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के सौड़ स्टेशन से बेहद करीब है साथ ही बहुत कम समय मेें यहां से चीन. सीमा तक पहुंचा जा सकता है।

पुराने बद्रीनाथ पैदल मार्ग का जीर्णोद्धार
गढ़वाल जनपद से गुजरने वाले प्राचीन बद्रीनाथ पैदल मार्ग पर स्वयं ट्रैकिंग करने के बाद डीएम चौहान ने इस मार्ग का जीर्णोद्धार करवाया। ऋषिकेश से मोहनचट्टी होते हुए देवप्रयाग तक आने वाले इस पैदल मार्ग को भविष्य में ट्रैकिंग व एडवैंचर टूरिज्म से जोड़ने की एक वृहद योजना कलक्टर चौहान द्वारा तैयार की गई है।

बीटल्स व गंगा फैस्टिवल स्वर्गाश्रम
जिले के स्वर्गाश्रम-जौंक नगर पंचायत के तहत गंगा तट पर डा आशीष चौहान ने व्यक्तिगत रुचि लेते हुए 55 वर्षों से बंद पड़ी बीटल्स के राग फिर छेड़कर इस स्थान को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दे दी। वहीं वीरान पड़ी चौरासी कुटिया को पुनः देशी विदेशी सैलानियों के गुलजार करने की उम्मीद को जगा दिया। उन्होने गंगा फैस्टिवल के जरिए गंगा से सटे गढ़वाल जनपद में सैलानियों को खींचने की अपनी मुहिम का भी श्रीगणेश कर दिया।

साल्ट व ढ़ाकर रूट
यमकेश्वर से लालढ़ांग तक पैदल ट्रैकिंग कर डा आशीष चौहान ने पुराने साल्ट अथवा ढाकर रूट को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया। आजदी से पूर्व व आजादी के एक दो दशक तक जब गढ़वाल में मोटर सड़कों का अभाव था तो उस दौर में रसद के एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट के इन ढाकर रूटों को खंगाल कर इसे पर्यटन से जोड़ने का खाका भी जिलाधिकारी द्वारा खींचा गया है।

 

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *