धीरेंद्र शास्त्री के दरबार के बहाने अंकिता हत्याकांड को लेकर फिर चर्चा
अजय रावत अजेय
सोशल मीडिया में ही सही आज अनेक लोग व्यंगात्मक लहजे में सवाल कर रहे हैं कि भक्तों के मन के राज को बेपर्दा करने वाले बाबा बागेश्वर क्यों नहीं उस वीआईपी के नाम का खुलासा कर डालते जो अंकिता हत्याकांड की प्रमुख बजह बताया जा रहा था।
दरअसल, यह सवाल इसलिए उइाया जा रहा है कि धीरेंद्र शास्त्री अपने खुले दरबार में वहां मौजूद अनुवायियों के सवालों के जबाब देते हुए तथाकथित रूप उनके अंतरंग जीवन से लेकर उनके मन में दफन तमाम राज से पर्दा भी उठा देते हैं। ऐसे में जब देहरादून के परेड ग्राउंड में लगने वाला बाबा का देवभूमि उत्तराखंड में पहला खुला दरबार है तो अंकिता हत्याकांड की जांच के मुकम्मल न होने व्यथित प्रदेशवासियों का इस तरह का सवाल करना लाजिमी है।
इस बीच अंकिता हत्याकांड को 14 महीने से अधिक बीतने के चलते इसकी चरचा में कमी आने लगी थी किंतु बागेश्वर सरकार के दरबार के बहाने एक बार फिर सोशल मीडिया में चल रही व्यंग्यात्मक चुनौती के बाद इस जघन्य हत्याकांड को लेकर जो आक्रोश कम हो रहा था उस आक्रोश की आग को पुनः हवा मिल गई है। देखना है कि क्या बाबा का कोई साहसी अनुवाई इस सवाल के साथ धीरेंद्र शास्त्री से रूबरू होता है कि नहीं।