#उत्तराखण्ड

स्थानीय निकाय चुनाव जल्द होने की उम्मीद, राज्य निर्वाचन आयोग की तैयारियां तेज

Share Now

देहरादून।

लगता है अब सरकार ने स्थानीय निकाय चुनाव कराने का मन बना ही लिया है। इस समय जिला स्तर पर भी जिलाधिकारियों को तैयारी करने के लिए कह दिया गया है। उधर सरकार ने उत्तराखंड में निकाय चुनावों की तैयारी और चुनाव खर्च सीमा तय कर दी गई है।
उम्मीद है कि 25 दिसंबर से पहले प्रदेश में नगर निकाय चुनाव संपन्न करा दिए जाएंगे। राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए प्रत्याशियों के लिए चुनाव खर्च की सीमा तय कर दी है। साथ ही “अधिकतम चुनाव व्यय और लेखा प्रस्तुति आदेश 2024” लागू कर दिया गया है।
प्रत्याशियों के लिए खर्च सीमा तय
राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार के निर्देशानुसार, नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों में विभिन्न पदों पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की खर्च सीमा निर्धारित की गई है। नगर निगम के नगर प्रमुख के लिए खर्च सीमा वार्डों की संख्या के अनुसार तय की गई है।
40 वार्ड तक: 20 लाख रुपये
41 से 60 वार्ड तक: 25 लाख रुपये
61 या उससे अधिक वार्ड 30 लाख रुपये
वहीं, उप नगर प्रमुख के लिए दो लाख रुपये और सभासद पद के लिए तीन लाख रुपये की सीमा तय की गई है।
नगर पालिका और नगर पंचायत के लिए सीमा
नगर पालिका परिषद में अध्यक्ष पद के लिए खर्च सीमा तय सीमा।

10 वार्ड तक: 6 लाख रुपये
10 से अधिक वार्ड: 8 लाख रुपये
सदस्य नगर पालिका परिषद के लिए 80 हजार रुपये की सीमा तय की गई है। इसी प्रकार, नगर पंचायत में अध्यक्ष पद के लिए तीन लाख रुपये और सदस्य पद के लिए 50 हजार रुपये की सीमा निर्धारित की गई है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि प्रत्याशियों के चुनावी खर्च की सख्त निगरानी की जाएगी। प्रशासन प्रत्याशियों के खर्च का निरीक्षण करेगा और उनके द्वारा प्रस्तुत लेखा-जोखा का गहन परीक्षण किया जाएगा। यह कदम पारदर्शिता सुनिश्चित करने और अनियमितताओं को रोकने के लिए उठाया गया है।
उत्तराखंड में निकाय चुनावों को लेकर बढ़ती सरगर्मियों के बीच प्रत्याशियों और राजनीतिक दलों के बीच तैयारियां तेज हो गई हैं। प्रशासन द्वारा खर्च सीमा निर्धारित किए जाने से चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता की उम्मीद बढ़ी है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *