साइबर अटैक: उत्तराखंड की हुकूमत का दिल हुआ बेबस, जिस्म 60 घण्टे से बेजान
देहरादून॥
अगर सरकारी सर्वर पर यह साइबर अटैक है तो उत्तराखंड प्रदेश का पूरा शाशन और सरकार इस हमले के सामने बेबस बनी हुई है 50 घण्टे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी उत्तराखंड के एक्सपर्ट इस ब्रेकडाउन को अभी तक ठीक नहीं कर पाये है, जो कि अपने आप में आश्चर्यजनक है। इस तथाकथित साइबर अटैक पर मुख सचिव का कोई बयान न आना भी लोगों के गले नहीं उतर रहा है। क्या हालत है और कब तक पूरा सिस्टम रिस्टोर हो पायेगा अभी भी कुछ पता नहीं है। सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) साइबर हमले से बाहर निकलने की कोशिशों में लगा हुआ है। 50 घंटे से अधिक समय से सभी 90 सरकारी वेबसाइट्स और मोबाइल एप पूरी तरह से ठप्प पड़े है। आईटीडीए के साथ ही राज्य व केंद्र की एक्सपर्ट्स इससे निकलने की जद्दोजहद में लगे है लेकिन समय बीतता जा रहा है सफलता नहीं मिल रही है। अब बताया जा रहा है कि आज शनिवार को आईटीडीए सभी वेबसाइटों का ट्रायल करने की कोशिश करेगा।
इस तथाकथित साइबर हमले से सूबे का पूरा आईटी सिस्टम पूरी तरह से मृत हो गया था। आईटीडीए की निदेशक नितिका खंडेलवाल ने बताया, राज्य के अलावा केंद्रीय एजेंसियों के विशेषज्ञ भी इसका हल ढूढ़ने में लगे है। केंद्रीय एजेंसियां के एक्सपर्ट भी इस ब्रेकडाउन के सोर्स का पता लगाने की कोशिश कर रही है। एक्सपर्ट्स का दावा है कि अभी तक पूरा डाटा सुरक्षित है। शाशन पहले ही शुक्रवार को खुद ही सबकुछ बंद कर दिया था। सचिवालय समेत किसी भी सरकारी दफ्तर में ई-ऑफिस ने काम नहीं किया। पुलिस की सीसीटीएनएस सेवा बंद होने से ऑनलाइन एफआईआर समेत सभी कामकाज ठप है।
नगर निगम दून में जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र समेत सभी कामकाज ठप रहा। अपुणि सरकार न चलने से यूजर को कोई सुविधा नहीं मिल पाई। सीएम हेल्पलाइन बंद होने से कोई शिकायत नहीं हो पाई। राज्य लोक सेवा आयोग की वेबसाइट बंद होने से भर्तियों की प्रक्रिया भी ठप हो गई। आयुष्मान योजना से मरीजों को इलाज में भी भारी परेशानी उठानी पड़ी।