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टेहरी: गुलदार बना पहाड़ के जन जीवन के लिए चुनौती

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टिहरी।

प्रदेश में गुलदार की तादात को नियंत्रित करने की कोई नीति न होने के कारण सूबे के पहाड़ी जिलों के गांवों में बचे रह गए ग्रामीणों के बच्चे अब इन गुलदारों के शिकार होते जा रहे है। गुलदारों की तादात इतनी बढ़ गई है कि वे अब आसान शिकारों की तलाश में गांव के बच्चों को ही अपना निवाला बनाने लगे है। वन विभाग भी पिजड़ा लगा कर अपने कर्तब्य की इतिश्री कर ले रहा है। गत रविवार को टिहरी जिले के भिलंगना वन रेंज के तहत ग्राम पंचयात पूर्वाल में गुलदार ने घर के आंगन में खेल रहे तीन साल के मासूम राजकुमार को मार डाला।
रविवार की सांय पूर्वाल गांव के घंडियाल बीटा तोक में अंकित राज का तीन साल का पुत्र राजकुमार अन्य बच्चों के साथ घर के आंगन में खेल रहा था। खेलते खेलते राजकुमार घर के पिछले हिस्से में चला गया। इसी बीच, घात लगाए गुलदार बच्चे पर झपट पड़ा।
गुलदार के हमले को देख खेल रहे बच्चों ने शोर मचा दिया। परिजनों व ग्रामीणों के साथ मिलकर बच्चे की खोजबीन शुरू की। कुछ दूरी पर ग्रामीणों को बच्चे का क्षत विक्षत शव मिलते ही कोहराम मच गया। गुलदार शव के पास ही था।
घटना के बाद से पूरे परिवार में मातम छाया हुआ है। इससे पहले इसी साल 23 जुलाई को पड़ोसी ग्राम पंचायत भोड़ गांव में भी 9 साल के एक बच्चे को गुलदार आंगन से उठाकर ले गया था।
वन विभाग ने गुलदार को मारने के लिए गांव में एक माह तक शूटर को तैनात किया था। लेकिन विभाग के हाथ सफलता नहीं लग सकी।
कुछ दिन पूर्व, पौड़ी जिले के ठांगर गांव में शौच के लिए सात साल के मासूम को भो गुलदार ने शिकार बना डाला था।

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