पौड़ी: हमलावर गुलदारों को ढेर करने को एसएसबी से ट्रेनिंग ले रहे वनकर्मी
पौड़ी। हिमतुंग वाणी ब्यूरो
आतंक का पर्याय बन चुके गुलदारों को ठिकाने लगाने और उन्हें टेंकुलाइज़ करने के लिए पेशेवर शिकारियों के बजाय अब वन विभाग के कर्मचारी नया गुर सीखने जा रहे है। बाकायदा हमलवार गुलदार को ढेर या ट्रेंकुलाइज करने के लिए वन विभाग की टीम निशानेबाजी और वेपन ट्रेनिंग का प्रशिक्षण शस्त्र सीमा बल के जवानों से ले रही है उम्मीद की जा रही है।
अब देखना है कि एसएसबी से तालीम लेने के बाद वन विभाग के कर्मचारी आदमखोर जंगली जानवर को सटीक निशाना लगा सकने में कितना सफल होंगे। आदमखोरों को ढेर करने के इतिहास में ये माना जाता रहा है कि जो पेशेवर शिकारी होते है उनको जंगली जानवरों और ख़ास तौर पर आदमख़ोर जानवरों की हरकतों और फ़ितरत का ज्ञान होता है। यही वज़ह होती है कि, पेशेवर शिकारी सही और सटीक जानवर को ही अपना निशाना बनाता है और निर्दोष जानवर नही मारा जाता।
पेशेवर शिकारियों द्वारा अब तक आदमख़ोर के नाम पर निशाना बनाये गए जानवरों में पोस्टमार्टम के बाद 90 फ़ीसदी आदमख़ोर ही पाये गये। अब सूबे के जंगलात विभाग ने आदमखोरों से निपटने के लिए पेशेवर शिकारियों के बज़ाय अपने ही मुलाजिमों को आदमखोरों को निपटाने का ज़िम्मा दे दिया है। अब वन विभाग के मुलाजिम ही चंद दिनों की ट्रेंनिग ले कर सटीक निशाना आदमखोर गुलदार पर लगा सकेंगे। दरअसल मानव वन जीव संघर्ष की घटनाओं में सबसे अधिक हमले गुलदार के इंसानों पर हुए हैं बीते 6 माह में गुलदार हमले में 10 लोगो जख्मी हो चुके हैं जबकि चार
मासूम अपनी जान गवाँ चुके हैं ऐसे में हर समय ग्रामीणों में गुलदार की दहशत बनी रहती है वहीं अब वन विभाग आदमखोर गुलदार को ट्रांकुलाइज करने या ढेर करने की परिस्थिति के लिए निशानेबाजी और वेपन ट्रेनिंग का प्रशिक्षण सशस्त्र सीमा बल के जवानों से राइफल्स शूटिंग की कार्यशाला में दिला रहा है लेगा जो वन कर्मियों के साथ ही शिकारी भी बन जायेंगे।