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पौड़ी: नलों में नहीं वाटर पर लगाने जा रहे मीटर

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पौडी। हिमतुंग वाणी

जल संस्थान शहरवासियों के हलक को तर तो नहीं कर पा रहा है लेकिन अब पौडी-अलकनंदा पम्पिंग पेयजल योजना के पुनर्गठन के साथ ही शहर में 6 हज़ार पेयजल कनेक्शनों पर वाटर मीटर भी ठोक दिये जायेंगे। जलसंस्थान ने कहा है कि शहर को पानी की कमी को तभी पूरा किया जा सकता जब पौडी अलकनंदा पेयजल योजना का पुनर्गठन किया जायेगा। सरकार ने अब इस योजना के फेस 2 के पुनर्गठन को मंजूरी दे दी है। पेयजल निगम ने पौड़ी- अलकनंदा पेयजल पंपिंग योजना के दूसरे चरण के तहत पुर्नगठन का कार्य जुलाई माह शुरू करने जा रहा हैं। इसके साथ ही जलसंस्थान के उपभोक्ताओं के कनेक्शन में 6 हजार वॉटर मीटर भी ठोक दिये जाएंगे।

पौडी शहर भीषण गर्मी में पानी के लिये हाहाकार मच गया था। इन दिनों शहरवासी आए दिन पेयजल किल्लत से जूझ रहे हैं। शहरवासियों को पानी की आपूर्ति के लिए प्राकृतिक स्त्रोतों का सहारा लेना पड़ रहा है। करीब एक माह का समय बीत जाने के बाद भी जल संस्थान शहर में पानी की समस्या से निजात दिलाने में पूरी तरह से विफल साबित हुआ। इसके साथ ही अब पेयजल निगम पौडी-अलकनंदा पेयजल पंपिंग योजना के दूसरे चरण के पुर्नगठन कार्य शुरू करने जा रहा है। करीब 10 करोड की लागत से पुर्नगठन काम होगा। इनमें करीब साढे चार किमी के दायरे में नई पाइप लाइन बिछाई जाएगी। विभाग की माने तो इस पंपिंग योजना के पुर्नगठन कार्य आठ माह में पूरा कर दिया जायेगा। इस मल्टी स्टेज पम्पिंग योजना के पुनर्गठन के बाद और 10 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद पौडी को नियमित पानी मिल पायेगा ये तो वक्त बतायेगा। अभी तक जल संस्थान इस पम्पिंग योजना पर लगभग 4 करोड़ प्रति वर्ष मरम्मत के नाम पर खर्च करता आ रहा है उसके बाद भी इस योजना के पुनर्गठन की जरूरत पड़ रही है।
जल निगम का दावा है कि 6 हजार वॉटर मीटर लगाने के बाद पानी की बर्बादी पर अंकुश लगाया सकेगा। अब भी तक पौड़ी शहर में 5 हजार कनेक्शन में हैं। जबकि एक हजार नए कनेक्शनों पर भी वॉटर भी लगाए जाएंगे। जल निगम के अधिशासी अभियंता वीरेंद्र प्रसाद का

पौड़ी नगर

सांस्कृतिक व सामाजिक सरोकारों की प्रतिनिधि पत्रिका

कहना था कि पुनर्गठन में लाईन का कुछ अलाइनमेंट भी बदला जाएगा। इस पर कार्य करने वाले ठेकेदार को 5 साल तक मरम्मत भी करनी पड़ेगी।

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