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गढ़वाल: मेगा साइज संगठन और मेगा प्रोजेक्ट दे रहे बलूनी को ताकत

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अजय रावत अजेय

हालांकि 02-गढ़वाल में कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल उम्मीद से कहीं बेहतर करते हुए नजर आ रहे हैं किंतु भाजपा के पास संगठन की एक ऐसी फौलादी दीवार है जिसे भेदना नामुमकिन न सही लेकिन मुश्किल अवश्य है। गढ़वाल की रणभूमि में भगवा ध्वजवाहक अनिल बलूनी, जहां भगवा टीम के एक अहम रणबांकुरे माने जाते हैं वहीं उनके पीछे लेफ्टिनेंटों, सूबेदारों व सिपाहियों का बड़ा लश्कर भी है। वहीं निर्माणाधीन चार धाम महामार्ग व ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना गढ़वाल संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के लाखों लोगों को प्रभावित भी करती है। इसके अलावा मेरठ-पौड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग का भारत माला परियोजना के तहत चल रहे कार्य को भी पार्टी अपने खाते में दर्शाती नजर आ रही है। यदि कार्यकर्ताओं की ताकत का अंतिम घण्टों में सटीक उपयोग करने व सरकार के मेगा प्रोजेक्ट व अन्य समाज कल्याण योजनाओं को वोटर्स तक पंहुचाने में बलूनी की टीम सफल रहती है तो भगवा टीम गढ़वाल सीट पर हैट्रिक के मुहाने पर होगी।

■भाजपा को बड़ी परियोजनाओं पर बड़ा भरोसा■

निर्माणाधीन ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन गढ़वाल, रुद्रप्रयाग व चमोली जनपदों के लिए भविष्य में एक बड़ी सौगात होगी। इस लाइन पर वर्तमान में युद्धस्तर पर कार्य चल रहा है। ऋषिकेश से गौचर तक तकरीबन सभी रेलवे स्टेशन व प्लेटफार्म मूर्त रूप धारण करने लगे हैं। वहीं सभी सुरंगे भी ब्रेक थ्रो होने लगी हैं। इस परियोजना के मुकम्मल होने के बाद उम्मीद है कि इस क्षेत्र में टूरिज्म के साथ साथ व्यावसायिक गतिविधियों में भी इजाफा होगा। इसे भाजपा एक मास्टर स्ट्रोक की तरह मानती है। इसके अलावा चारधाम महामार्ग यानी आल वेदर रोड प्रोजेक्ट के असर को लेकर भी भाजपा काफी आशांवित नजर आ रही है। इस परियोजना से गढ़वाल संसदीय क्षेत्र की 9 विधान सभाएं सीधे तौर पर जुड़ी हैं। यह परियोजना भी अंतिम चरण में है। इसके अलावा जनपद गढ़वाल के मुख्यालय पौड़ी को दिल्ली से जोड़ने वाले पौड़ी-मेरठ हाईवे पर भी भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत कार्य गतिमान है। बहसूमा से बिजनौर तक हस्तिनापुर सेंचुरी में वन मंत्रालय की एनओसी मिलने के बाद मेरठ से श्रीनगर(गढ़वाल) तक इस हाईवे के कायाकल्प के कार्य के असर को भी भाजपा अपने खाते में जोड़कर देखती है।

◆आयुष्मान कार्ड, किसान पेंशन हक़ में, लेक़िन अग्निवीर बनी तकलीफ◆

भाजपा भले ही आयुष्मान कार्ड योजना, अटल – दीन दयाल आवास योजना व किसान पेंशन योजना के जरिये समाज के एक बड़े वर्ग से वोट की उम्मीद कर रही है किंतु अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर का मामला भाजपा के लिए बड़ा सरदर्द हो गया है। इस योजना को लेकर युवा वोटर बड़ी तादात में भाजपा से दूर जाता नजर आ रहा है। कर्मचारी परंपरागत रूप से ही भाजपा विरोधी रहे हैं किंतु ओपीएस के मसले पर यह विरोध और तीखा हो सकता है। अंकिता भंडारी मुद्दा भले ही सियासी फुटबॉल बन गया हो किन्तु चुनाव पर यह जितना भी असर करेगा, वह भाजपा के खिलाफ ही जायेगा।

●सारा दारमोदार अब कार्यकर्ताओं के कंधे पर●
दरअसल खामोशी से हो रहे इस चुनाव में जब मुद्दे लगभग गौण हो गए हैं, तो अब भाजपा को अपने कार्यकर्ताओं की लंबी चौड़ी फौज पर भरोसा है। तमाम प्रतिकूल चर्चाओं के बावजूद भाजपा नेता व चुनावी मैनेजर अपनी जीत के प्रति पूरी तरह से आश्वस्त हैं। भाजपा के चनाव अभियान में तैनात जितने भी जिम्मेदार नेताओं से बात होती है तो उनका जवाब होता है कि उनका लक्ष्य जीत के मार्जिन को अधिक से अधिक बढाना है।

●अनिल बलूनी की दिल्ली दरबार में पंहुच का संदेश भी●

गत दिनों गौचर में आयोजित एक जनसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इशारे इशारे में बता दिया कि गढ़वाल की जनता एक सांसद ही नहीं बल्कि भविष्य का केंद्रीय कैबिनेट मंत्री चुनने को मतदान करेंगे। पार्टी के कार्यकर्ता भी इस संदेश को लेकर आम वोटर के मध्य अनिल बलूनी को विजयी बनाने का आह्वान करते नजर आ रहे हैं। हालांकि यह तभी सम्भव हो सकेगा जब मोदी दिल्ली में हैट्रिक मारने में कामयाब होंगे।

■पिछले आंकड़े पूरी तरह भाजपा को दे रहे मजबूती■

2019 के आम चुनाव में इस सीट पर कुल 7 लाख 48 हजार मत पड़े थे, जिनमें से 5 लाख 6 हज़ार भाजपा की झोली में गिरे थे। जबकि कांग्रेस बमुश्किल 2 लाख का आंकड़ा पार कर पाई थी। 3 लाख के इस विशाल अंतर को पाटने के लिए गणेश गोदियाल भले दिन रात एक

नूतन विशेषांक: व्यंग

किये हुए हैं किंतु आंकड़ों की इस बुनियाद पर भाजपा के किले पर सुराख करना आसान नजर नहीं आता। अब देखना होगा कि गणेश गोदियाल कितना करिश्मा कर सकते हैं, जो अनिल बलूनी के समक्ष बड़ी परेशानी खड़ी कर सके।

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