लोनिवि की लापरवाही, शहीद के गांव पर भारी
■कल्जीखाल के शहीद मनीष पटवाल के गांव सुरालगांव का है मामला
■साइन बोर्ड तो लगाया लेकिन गांव तक नहीं पंहुची सड़क
■मुआवजा विवाद के चलते पड़ोसी गांव डाँगी की सड़क पर मची रार
हिम् तुंग वाणी, पौड़ी
जनपद गढ़वाल के विकास खंड कल्जीखाल के शहीद मनीष पटवाल के गाँव सुरालगांव के लिए जाने वाली सड़क पर घंडियाल नामक स्थान में शहीद मनीष पटवाल के नाम से साईन बोर्ड तो पीडब्लूडी द्वारा साइन बोर्ड तो लगा दिया गया, लेकिन उस गांव को अभी तक पूरी तरह सड़क का लाभ नहीं मिल पाया है। अलबत्ता इस मार्ग से जुड़े डाँगी गांव की सड़क भी मुआवजा न दिए जाने के कारण विवाद में आ गई है। लोनिवि की यह लापरवाही इन गांवों के वाशिंदों पर भारी पड़ रही है।
पिछले दिनों जब पाली गांव के एक भूस्वामी ने डाँगी गांव को जोड़ने वाली सड़क के मुहाने पर अवरोध उत्पन्न किया तो पता चला कि लोनिवि ने इस सड़क के कटान के ऐबज में भूस्वामियों को अभी तक मुआवजा तक नहीं दिया है। बहरहाल, राजस्व उपननिरीक्षक ने गांव की सड़क पर लगाये गए अवरोध को हटा दिया है, लेकिन इस प्रकरण से लोनिवि की हीलाहवाली बेपर्दा अवश्य हो गई है।
असल मसला यह है कि जब सरकार के निर्देशानुसार पीडब्ल्यूडी किसी शहीद को सम्मान देने की मंशा रखता है तो न केकेवल शहीद का गांव बल्कि आसपास के तमाम क्षेत्र को शहीद के नाम से मिलने वाली सुविधाओं का लाभ मिलना चाहिए। ऐसे ही शहीद मनीष पटवाल के गांव सुरालगांव तक नामित सड़क से लगे गढ़ कोट, पाली, तकलना व डाँगी को भी न केवल सम्पर्क मार्ग बल्कि एक चाक चौबंद पक्की सड़क मिलनी चाहिये थी, किन्तु जिस विभाग द्वारा भू मुआवजा जैसी औपचारिकता में सालों बाद भी फैसला नहीं लिया जा सका हो, उससे ज्यादा उम्मीद करना बेमानी होगा।