सीएम धामी के फरमान के पुर्जे उड़ाते महाराज व धन सिंह
अजय रावत अजेय (हिम तुंग वाणी)
अभी सीएम धामी के उस आदेश को जारी हुए एक पखवाड़ा भी नहीं हुआ था , जिसमें उन्होंने मितव्ययता का हवाला देते हुए शिलान्यास व लोकार्पण के आयोजनों को सामूहिक रूप से करने का फरमान जारी किया था। इस बाबत बाकायदा सीएम द्वारा सभी जिलाधिकारियों को आदेश भी सर्कुलेट कर दिए गए थे।
बीते चार नवम्बर को जारी इस आदेश के महज़ 20 दिन बाद गढ़वाल जनपद के दो दिग्गज नेताओं ने सीएम धामी के इस फरमान को चुनौती देते हुए ताबड़तोड़ शिलान्यास व लोकार्पण कर डाले।
सबसे अहम बात यह है कि जहां सतपाल महाराज छत्तीसगढ़ में बतौर स्टार प्रचारक प्रचार करने के बाद दिल्ली से सीधे अपने विधानसभा क्षेत्र चौबट्टाखाल पंहुचे। जहां उन्होंने एकेश्वर, पोखड़ा व बीरोंखाल विकासखंडों के तहत करीब 57 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया। इस हेतु पनखेत व बीरोंखाल में भव्य आयोजन हुए।
वहीं मंत्री धंन सिंह रावत ने राजस्थान में चुनाव प्रचार अभियान से लौटकर सीधे अपने गृह क्षेत्र के थलीसैण में आयोजित थलीसैण महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने के दौरान करीब डेढ़ करोड़ की लागत वाले नगर पंचायत थलीसैण के नए भवन निर्माण के साथ दर्जनों योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया।
सीएम धामी द्वारा मितव्ययता हेतु जारी किए गए इस आदेश में यह भी जोड़ा गया था कि तकरीबन यह सुनिश्चित किया जाए कि शिलान्यास व लोकार्पण के आयोजनों में मुख्यमंत्री की उपस्थित सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाए।
प्रदेश सरकार में शामिल गढ़वाल जनपद के दो हैवी वेट बजीरों ने जिस तरह से सीएम के फरमान के तत्काल बाद इस आदेश के पुर्जे पुर्जे उड़ाए , उससे पीछे जो सियासी मेसेज छुपा हुआ है, उसे समझना सियासी पंडितों के लिए ज्यादा कठिन नहीं है।