सिलक्यारा: बुधवार के उगते सूरज के साथ मिल सकती है खुशखबरी
■फंसे हुए सभी श्रमिक सुरक्षित
■अगले 36 घण्टे में मजदूर आ सकते हैं खुले आसमान में
■ मुख्यमंत्री के साथ प्रशासन भी मुस्तैद
■खनिकर्म विभाग के जियोलॉजिस्ट भी मौके पर मौजूद, भूगर्भीय मिजाज से बचाव एजेंसियों को दे रहे सलाह
उत्तरकाशी। सिल्क्यरा हादसे में भले ही अभी आशंकाओं के बादल मंडरा रहे हों किन्तु सरकार की मुस्तैदी, प्रशासन की सजग कार्यप्रणाली व बचाव एजेंसियों की कार्यकुशलता के नतीजतन फंसे हुए सभी श्रमिक सुरक्षित व स्वस्थ हैं। उम्मीद है कि बुधवार की सुबह तक क्षतिग्रस्त हिस्से के 30 मीटर लंबाई में मौजूद मलबे को चीर कर श्रमिकों को इवैकुएट कर लिया जाएगा।
आज पूर्वाह्न मुख्यमंत्री धामी ने स्वयं क्षतिग्रस्त सुरंग के अंदर घुसकर बचाव कार्य में तल्लीन पुलिस, प्रशासन व बचाव एजेंसियों का उत्साहवर्धन किया। बचाव कार्य में लगी सभी एजेंसिया इस बात को लेकर एकमत हैं कि सभी फंसे हुए मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।
वहीं, सुरंग में गिरे मलबे और एवैकुएसन हेतु बनाये जा रहे सुराख के कारण पुनः गिरने वाले मलबे व इसका आकलन करने हेतु शासन प्रशासन द्वारा मौके पर उत्तरकाशी के खनन महकमे के भूगर्भ वैज्ञानिकों को भी मौके पर तैनात किया गया है, जिससे यह अनुमान लगाया जा सके कि कम समय में बिना जोखिम के साथ कैसे फंसे हुए श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल सकें।