देहरादून के डीईओ को किया गया ससपेंड, कमिश्नर ऑफिस से किया अटैच
देहरादून।
देहरादून के आबकारी अधिकारी केपी सिंह के निलंबन की संस्तुति के साथ ही उनको आबकारी आयुक्त कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के बाद आबकारी विभाग में बड़ी कार्रवाई अमल में लाई गई है। आबकारी आयुक्त अनुराधा पाल ने जिला आबकारी अधिकारी केपी सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की संस्तुति करने के साथ ही देहरादून जिले में नये आबकारी अधिकारी का जिम्मा वीरेन्द्र कुमार जोशी, आबकारी निरीक्षक, क्षेत्र-2 मसूरी जनपद-देहरादून को दिया गया है।
यह कार्रवाई देहरादून में शराब की दुकानों की शिफ्टिंग में लापरवाही, झूठे तथ्य प्रस्तुत करने और अधिकारियों को गुमराह करने के आरोपों के चलते उठाया गया है।
इस कार्रवाई का आधार जिलाधिकारी सविन बंसल की संस्तुति और मुख्य स्थायी अधिवक्ता की टिप्पणी रही। राजधानी में ट्रैफिक जाम और सड़क हादसों की बढ़ती समस्या के मद्देनज़र 27 मार्च को जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में छह शराब की दुकानों को स्थानांतरित करने की संस्तुति दी गई थी। इसके अनुपालन में 13 मई को आबकारी विभाग को निर्देश दिए गए थे कि दुकानों को एक सप्ताह में शिफ्ट कर 22 मई तक रिपोर्ट दी जाए, लेकिन तय समयसीमा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
इस बीच अनुज्ञापियों ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर दी। अदालत में जिला आबकारी अधिकारी ने बिना सक्षम अधिकारियों की स्वीकृति के तथ्य प्रस्तुत किए, जिससे शासन की स्थिति कमजोर हुई। 27 जून को न्यायालय ने शासन को रिवीजन सुनवाई के निर्देश दिए। प्रमुख सचिव आबकारी द्वारा सुनवाई में जिलाधिकारी के आदेश को सही ठहराते हुए दुकानों की शिफ्टिंग की अंतिम तिथि 31 जुलाई तय की गई।
डीएम सविन बंसल ने केपी सिंह की भूमिका को गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए उनके निलंबन और उच्चस्तरीय जांच की संस्तुति की। मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा तो उन्होंने तत्परता दिखाते हुए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। आबकारी आयुक्त ने सीएम के निर्देशों पर अमल करते हुए अधिकारी को निलंबित की संस्तुति कर दी है।
इस कार्रवाई के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है।





